धनबाद(DHANBAD)| धनबाद जेल में बंद है 702 दोषसिद्ध व विचाराधीन बंदी,रविवार को न्याययिक अधिकारियो ने जेल का निरिक्षण किया. डिस्ट्रिक्ट जज ने कैदियों से उन्हें मिल रही सुवि धाओ की जानकारी ली और जेल मैनेजमेंट को आवश्यक निर्देश दिए. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा , मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह ,अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप मान ,अवर न्यायाधीश सह सचिव डालसा निताशा बारला , न्यायिक दंडाधिकारी अंकित कुमार सिंह ने रविवार को मंडल कारा धनबाद का औचक निरीक्षण किया. जेल में कुल 702 दोषसिद्ध व विचाराधीन बंदी मिले. न्यायाधीश ने कारागार के प्रत्येक बैरक में पहुंचकर बंदियों से उनके स्वास्थ्य, इलाज, पेयजल, नास्ता, भोजन व मुकदमे में पैरवी के लिए अधिवक्ता होने अथवा न होने की जानकारी ली.
स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश
स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बंदियों के शौचालयों की साफ-सफाई का निर्देश दिया. कारागार अस्पताल में निरुद्ध बीमार बंदियों के बेहतर इलाज के लिए उन्हें उच्च स्वास्थ्य सेंटर भेजे जाने, शिक्षापरक एवं रोजगारपरक शिविरों का आयोजन कराकर उन्हें प्रशिक्षित किए जाने का निर्देश भी दिया. साथ ही महिला बैरक में निरुद्ध कुल 34 महिला बंदियों से मुलाकात कर जिला जज ने उनकी समस्याओं को सुना. निरीक्षण के दौरान अधीक्षक कारागार को निर्देशित किया गया कि सभी बन्दियों का वर्तमान डेटा जेल के पैरा लीगल वालेंटियर (विधिक स्वंयसेवक ) के माध्यम से कम्प्यूटर में फीड कराया जाए. निरूद्ध सभी महिला बन्दी स्वस्थ्य पायी गयीं, कुछ महिला बन्दियों के साथ बच्चे भी रह रहे है. बच्चों व उनके स्वास्थ्य का विशेष देखभाल रखने व उन्हें पोषण युक्त भोजन दिये जाने के निर्देश दिए. जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने चिकित्सा सुविधाओं, पुस्तकालय, रसोई घर, वहां तैयार हो रहे भोजन ,व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और ध्यान-सह-योग केंद्र में सुविधाओं का जायजा लिया.
बंदियों से बातचीत कर सुनी गई उनकी परेशानियां
उन्होंने बंदियों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं के बारे में पूछा. उन्होंने जेल प्रशासन को बंदियों को नियमानुसार सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए और कहा कि प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके पूर्व मंडल कारा धनबाद में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, शिविर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा, मुख्य दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह ,एलएडीसीएस के चीफ डॉक्टर कुमार विमलेंदु ने बंदियों के अधिकार, जमानत संबंधी प्रावधान व प्ली बारगेनिंग अधिनियम के बारे में जानकारी दी. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम की स्थापना की गई है. इसमें ऐसे बंदी जो अपना अधिवक्ता स्वयं करने में आर्थिक रूप से असमर्थ हैं ,उनके मुकदमे की निशुल्क पैरवी हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार में चीफ , डिप्टी चीफ व असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल की नियुक्ति की गई है. उन्होंने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि बंदियों की समस्याओं के समाधान के लिए लीगल एड डिफेंस काउंसिल से निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करे. इसके लिए बंदी आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकार को भेजे.
कानूनी सहायता क्लीनिक का हुआ उद्घाटन
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने रविवार को धनबाद जेल के अंदर कानूनी सहायता क्लीनिक का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि वैसे बंदी जो अपना मुकदमे की पैरवी नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें मुफ्त कानूनी सहायता देने के लिए इस क्लीनिक का निर्माण किया गया है. जहां एलएडीसीएस के अधिवक्ता उपस्थित रहेंगे और उनके मुकदमे की उचित पैरवी निशुल्क करेंगे. उन्हें उनके मुकदमे से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराएंगेरविवार को मंडल कारा धनबाद में जेल अदालत भी लगी. जेल अदालत में रेलवे के न्यायिक दंडाधिकारी अंकित कुमार सिंह ने चार बंदी सोनू हसन ,शंकर कोल ,दीनानाथ चौहान एवं इंदिरा भूईया को मुक्त करने का आदेश दिया. इस मौके पर जेल अधीक्षक अजय कुमार डिप्टी जेलर मुस्तकीम अंसारी, एलडीसीएस के चीफ डॉक्टर कुमार विमलेंदु ,डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, एलएडीसीएस के असिस्टेंट काउंसिल नीरज गोयल, सुमन पाठक कन्हैया लाल ठाकुर ,शैलेंद्र झा, मुस्कान चोपड़ा, स्वाति कुमारी डालसा सहायक अरुण कुमार ,सौरव सरकार, पीएलबी जैनेन्द्र सिंह ,शिव शंकर रेलवे कोर्ट के सहायक अजय कुमार उपस्थित थे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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