रांची(RANCHI)- हेमंत सरकार जल्द ही झारखंड भवन निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड से जुड़े करीबन 12.5 लाख श्रमिकों को कैशलेस मेडिकल की सविधा प्रदान करने जा रही है. साथ उन्हे को एक यूनिक आईडी भी दिया जायेगा. यह 12 नम्बरों वाली इस पीवीसी लेबर आइडेंटिफिकेशन कार्ड को श्रमिकों के आधार कार्ड से भी जोड़ा जायेगा.
फर्जीवाड़ा रोकने की दिशा में बड़ी पहल
सरकार की कोशिश इस लेबर आइडेंटिफिकेशन कार्ड के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा को रोकने की है. बताया जा रहा है कि इस कार्ड में एक बार कोड होगा, जिसको स्कैन करते ही श्रमिक की सारी जानकारी सामने आ जायेगी. इसमें श्रमिक का नाम, उसके पिता का नाम, उसका आधार कार्ड और पते की विवरणी होगी.
मजदूर कल्याण बोर्ड से निंबधित है 12.5 लाख श्रमिक
ध्यान रहे कि सन्निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड से करीबन 12.5 लाख श्रमिक निबंधित है, सरकार इन श्रमिकों के लिए 16 कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करती है, लेकिन इन योजनाओं के संचालन में कई बार फर्जीबाड़े की भी शिकायत आती रहती है, दावा किया जाता है कि कई श्रमिक एक से अधिक जिलों में अपना निबंधन करवा कर लाभ लेते हैं, जिसके कारण वास्तविक श्रमिकों को नुकसान पहुंचता है, अब सरकार की कोशिश इस फर्जीवाड़े पर रोक लगाने की है, यह लेबर आइडेंटिफिकेशन कार्ड उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है.
पूरे परिवार का होगा कैशलेस ईलाज
योजनाओं में फर्जीवाड़े को रोकने के साथ ही सरकार इन श्रमिकों को कैशलेस मेडिकल की सुविधा भी प्रदान करने जा रही है, माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से श्रमिक अपने भविष्य के प्रति ज्यादा आश्वस्त रहेंगे, क्योंकि यह कार्ड इस बात की गारंटी रहेगी कि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में वह खुद अपना और अपने परिजनों का इलाज करवा सकता है.
निर्माण राशि का एक फीसदी हिस्सा सेस के रुप में वसूलती है सरकार
यहां बता दें कि राज्य सरकार बोर्ड के माध्यम से बनने वाले सरकारी एवं गैर सरकारी भवनों की कुल लागत का एक प्रतिशत सेस के रूप में वसूलती है. इसके साथ ही बोर्ड में श्रमिकों को निबंधन के लिए भी एक निश्चित राशी की वसुली की जाती है, चालू वित्तीय वर्ष में भी इस मद्द में 154 करोड़ की राशि एकत्रित की गयी है, इसी राशि से सरकरा श्रमिकों को कैशलेस मेडिकल सुविधा प्रदान करने की योजना बना रही है.
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