धनबाद जेल में सिंह मेंशन और प्रिंस खान गुट में कैसे शुरू हुआ टकराव, कैसे "जेल में खेल" बना तात्कालिक कारण, पढ़िए इस रिपोर्ट में


धनबाद(DHANBAD): धनबाद मंडल कारा में तनाव तो पहले से था लेकिन "जेल में हो रहे खेल" बन गया इसका तात्कालिक कारण. इसके बाद तो धनबाद जेल में रविवार को जो हुआ, उसकी आवाज रांची तक पहुंच गई. अब जाकर प्रशासन सख्ती बरतने के मूड में आया है.
शिफ्टिंग में बंदियों से सुविधा के नाम पर वसूली
धनबाद जेल में रविवार को सिंह मेंशन समर्थक और वासेपुर के कुख्यात प्रिंस खान के लोग आपस में टकरा गए. हालात को बिगड़ते देख पगली घंटी बजाई गई, तब जाकर स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सका. जानकारी के अनुसार धनबाद जेल में अपने-अपने वार्ड में शरण देकर बंदियों से सुविधा के नाम पर वसूली का खेल चल रहा है. और यही खेल रविवार को विवाद का कारण बना. जेल पहुंचने वाले सभी बंदियों को सबसे पहले आमद वार्ड में रखा जाता है. उसके बाद उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जाता है. इसी शिफ्टिंग में बंदियों से सुविधा के नाम पर वसूली की जाती है. फिलहाल गैंग्स आफ वासेपुर के बंदी सी वन वार्ड में बंद हैं जबकि सिंह मेंशन समर्थक जेल के वार्ड नंबर 4 में है. रविवार की दोपहर एक बंदी को अपने अपने वार्ड में ले जाने की बात पर ही विनोद सिंह और अनवर में विवाद शुरू हुआ और उसके बाद मामला पगली घंटी बजाने तक पहुंच गया. वैसे जेल में वसूली का खेल पहले भी सामने आता रहा है.
स्थिति को अनियंत्रित होते देख जेल प्रशासन ने बजा दी पगली घंटी
झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह के खिलाफ प्रिंस खान की टिप्पणी के बाद से ही दोनों गुट में तनाव था. रविवार को शुरू में विनोद सिंह की पिटाई के बाद दोनों पक्ष के बीच सुलग रहे विवाद को तेज हवा मिल गई. कहते हैं कि विनोद सिंह के पक्ष में नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपी सहित सिंह मेंशन के कई समर्थक एकजुट होकर जेल प्रशासन से अनवर को सजा देने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि या तो अनवर को सजा दे या उन्हें सौंप दें. इस बीच सिंह मेंशन के कुछ समर्थक गैंग्स आफ वासेपुर के C1 वार्ड में दौड़कर घुस गए और वार्ड में छिपे अनवर को खींच कर बाहर निकाल लिया और उसकी पिटाई करने लगे. इस बीच अनवर को बचाने के लिए भी गैंग्स के कई लोग पहुंच गए. उसके बाद बात बिगड़ती चली गई और मारपीट की घटना हो गई. स्थिति को अनियंत्रित होते देख जेल प्रशासन ने पगली घंटी बजा दी. उसके बाद जिला पुलिस सहित प्रशासनिक अधिकारी भागे भागे जेल पहुंचे,तब जाकर स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सका.
स्थिति को देखते हुए जेल के अंदर 50 जवानों की तैनाती
सूत्र बताते हैं कि घनुडीह निवासी विनोद सिंह को नीरज सिंह की हत्या मामले में पुलिस ने 26 जुलाई 2017 को जेल भेजा था. इधर ,अनवर 24 नवंबर 2021 को वासेपुर में महताब आलम उर्फ नन्हे की हुई हत्या के मामले में जेल भेजा है. अब जैसी की सूचना है जेल के अंदर मारपीट करने वाले दोनों गुटों के लोगों को दूसरी जेल में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है. गैंगस्टर प्रिंस खान के दोनों भाइयों, पिता और गैंग्स के अन्य समर्थकों के अलावा नीरज सिंह की हत्या के आरोपियों को भी दूसरी जेल में भेजने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. फिलहाल दोनों पक्षों में तनातनी को देखते हुए जिला बल के 50 जवानों को जेल के अंदर तैनात किया गया है. दोनों पक्षों को उनके उनके वार्ड में ही निरुद्ध कर दिया गया है .जानकारी के अनुसार अगले आदेश तक जिला बल के 50 जवान धनबाद जेल में तैनात रहेंगे और स्थिति पर नजर बनाए रखेंगे.
रिपोर्ट:धनबाद ब्यूरो
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