धनबाद(DHANBAD) : सोलर एनर्जी की देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब चर्चा है. विदेशों में इसका उपयोग भी अधिक होता है लेकिन भारत में जितना शोर होता है, उतना उपयोग दिखता नहीं है. हालांकि सोलर एनर्जी बहुत उपयोगी है, इसे पर्यावरण को भी सुरक्षा मिलेगी और राष्ट्रीय क्षति भी नहीं होगी. थर्मल पावर या हाइडल ढंग से बिजली उत्पादित तो होती है लेकिन उसका खामियाजा भी लोगो को ही भुगतना पड़ता है. जब सोलर एनर्जी की व्यवस्था है तो हम इसका उपयोग क्यों नहीं करें, लोगों को जागरूक क्यों नहीं किया जाए, लोग अगर जागरूक हो जाएं तो यह व्यवस्था इतनी भारी भी नहीं है कि कोई कर नहीं सके. इसी का उदाहरण धनबाद शहर के हीरापुर में देखने को मिला है. पेशे से शिक्षक के पद पर कार्यरत हरेंद्र सिंह का दो मंजिला मकान है. उस मकान में उन्होंने सोलर पैनल का इस्तेमाल कर रखा है. कहते हैं कि 2013 में जब वह अमदाबाद गए तो उन्हें उन्होंने देखा कि घर-घर में सोलर एनर्जी का इस्तेमाल हो रहा है.
अहमदाबाद से लौटने के बाद मन में आई यह बात
इससे उनको प्रोत्साहन मिला और उसके बाद वह धनबाद लौटे तो काफी प्रयास के बाद उन्होंने यह व्यवस्था अपने घर में की. इसका लाभ यह है कि दो-तीन दिनों तक भी अगर पावर कट रहे तो हरेंद्र सिंह के घर में अंधेरा नहीं रहता. बिजली बत्ती जलती है, ऐसी चलते रहते हैं ,बच्चे टीवी भी देखते है. घर में कोई परेशानी नहीं होती. द न्यूज पोस्ट की टीम ने जब उनसे बात की तो पूरी व्यवस्था को दिखाते और समझाते हुए कहा कि हम जो बिजली बचाते हैं, वह राष्ट्रीय फायदा है. देश को इससे लाभ है, साथ ही साथ जो लोग इस व्यवस्था को नहीं कर सकते और 1-2 कमरे के मकान में रहते हैं ,उनके लिए सबको मिलकर बिजली बचानी चाहिए. उन्होंने लोगों से अपील की है कि सोलर एनर्जी की तरफ लोग अपना झुकाव बढ़ाएं, इससे बिजली उत्पादन में भी कमी आएगी और लोगों को जो परेशानी होती है, उसे भी राहत मिलेगी.
रिपोर्ट : शांभवी सिंह, धनबाद
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