गुमला(GUMLA):गुमला के चैनपुर में प्रत्येक नदी घाटों पर बालू रोजाना करोड़ों के बालू की लूट हो रही है.जहां हर दिन करीब हजार सीएफटी बालू का अवैध उठाव हो रहा है.बालू बेचने के लिए प्रखंड में किसी बालू घाट की नीलामी नहीं हुई, लेकिन गीले बालू से भरे सौकड़ों ट्रैक्टर रोज शहर से गांव तक सड़क पर दौड़ते मिलते है.शहर से लेकर गांव तक खुलेआम बालू बिक्री भी की जाती है. इन सबको रोकने लिए जिले में खनन टास्क फोर्स गठित है. इसमे प्रशासन, पुलिस और खनन विभागों के आला अफसर शामिल हैं, लेकिन वे खनिज संपदा की इस लूट से आंखें फेरे रहते हैं.
बालू उठाव रोकने में सरकार और प्रशासन फेल
वहीं तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर दोष मढ़ते हैं, लेकिन इसे कभी चुनावी मुद्दा नहीं बनाते. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या इन काले धंधों में पार्टियों के सफेदपोश भी तो शामिल तो नहीं है.लोकसभा चुनावों के दौरान वोट मांगने आनेवाले नेताओं को भी इस सवाल से दो-चार होना पड़ सकता है. आपको बताये कि चैनपुर की धरतीखनिज संपदा से समृद्ध है, लेकिन, दशकों से इस खजाने की लूट मची है.
रोजाना राज्य सरकार को करोड़ों के राजस्व की हानि हो रही है
अवैध खनन और परिवहन पर लगाम लगाने के लिए जिले में खनन टास्क फोर्स गठित है. हर महीने डीसी के नेतृत्व में बैठक में अवैध खनन रोकने पर चर्चा की जाती है, विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया जाता रहा है, दिखावे के लिए समय-समय पर बालू जब्त किया जाता है, लेकिन बड़े पैमाने पर ना तो अवैध खनन रुका और न ही बालू की लूट रुकी,आज भी धड़ल्ले से बालू की खुलेआम लूट की जाती है, लेकिन प्रशासन और सरकार को इससे कुछ मतलब नहीं है, रोजाना राज्य सरकार को करोड़ों के राजस्व की हानि हो रही है, लेकिन इसको रोकने में जिला प्रशासन असमर्थ है.
रिपोर्ट-सुशील कुमार
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