दुमका(DUMKA): जिले के शिक्षा विभाग में लूट मची है. यह हम नहीं कह रहे है बल्कि जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. दरअसल, सदर प्रखंड अंतर्गत घासीपुर पंचायत के घासीपुर गांव को स्वच्छ ग्राम योजना के तहत चयन किया गया है. 23 दिसंबर 2022 को प्रशिक्षु आई.ए.एस-सह- सहायक समाहर्त्ता सन्नी राज की उपस्थिति में घासीपुर गांव के मोहली टोला स्थित उत्कमित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा विकास मद की राशि के संबंध में बताया गया कि स्कूल को राशि नहीं मिली है. वहीं, दो दिन बाद प्रशिक्षु आई.ए.एस. सन्नी राज द्वारा यह जानकारी दी गई कि घासीपुर के मोहली टोला स्थित उत्कमित प्राथमिक विद्यालय को रंग रोगन और सामग्री क्रय के लिए राशि का हस्तान्तरण किया गया है. इस संबंध में जांच करने की आवश्यकता है. प्रशिक्षु आईएएस की अनुशंसा के आलोक में उत्कमित प्राथमिक विद्यालय सहित अन्य आठ विद्यालय, जिसमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय चांदोपानी, उत्कमित मध्य विद्यालय श्रीअमडा, राजकीय मध्य विद्यालय, लखीकुण्डी, प्राथमिक विद्यालय, जरूवाडीह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय विजयपुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय झिकटी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुखराली और प्राथमिक विद्यालय बेहराबॉक का प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा द्वारा जांच की गई.
वहीं, जांच के दौरान यह पाया गया कि विद्यालयों के रंग रोगन और विद्यालयों में सामग्री क्रय के लिए वॉचर दो महीने पूर्व ही पास कराकर वेन्डर के खाते में भुगतान करा दिया गया है. लेकिन अभी तक ना तो विद्यालय का रंग रोगन हुआ और ना ही क्रय की गई, सामग्री का आपूर्ति किया गया. उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, मोहली टोला घांसीपुर में दस हजार रुपए के रंग रोगन की सामग्री और दस हजार रूपये रंग रोगन की मजदूरी का भौचर 14 नवंबर 2022 को ही पारित कराकर भुगतान करा दिया गया है, लेकिन अभी तक विद्यालय का रंग रोगन नहीं किया गया है. इसी प्रकार पांच हजार रुपये का स्टेशनरी और स्वच्छता की सामग्री का भौचर 14 नवंबर 2022 को पारित कराकर वेंडर के खाते में भुगतान करा दिया गया है लेकिन अभी तक एक भी सामग्री विद्यालय को आपूर्ति नहीं किया गया है. यहां तक की बच्चों को अभी तक जूता भी उपलब्ध नहीं कराया गया है.
इसी प्रकार उत्कमित मध्य विद्यालय चान्दोपानी में 18095/- रू० का रंग रोगन का सामग्री 29 अक्टूबर 2022 को और रंग रोगन की मजदूरी 8786/- रू० का भौचर 06 नवंबर 2022 को ही पारित कराकर भुगतान करा दिया गया है, लेकिन अभी तक रंग रोगन का कार्य शुरू नहीं किया गया है. एक टेबल और चार फाईवर कुर्सी का कुल मूल्य 5800/- रू० का अभिश्रव पास कराकर भुगतान करा दिया गया है, लेकिन विद्यालय में उपलब्ध नहीं पाया गया. पहले और दूसरे कक्षा के बच्चों के लिए जूता का भुगतान दो महीना पहले कर दिया गया है, लेकिन अभी तक बच्चों को जूता नहीं मिला है.
इसी प्रकार अन्य विद्यालयों में भी रंग रोगन के कार्य में सरकारी राशि का दुरूपयोग किया गया है. क्रय की गई सामग्री प्राप्त किए बिना ही प्रधानाध्यापक सह सचिव विद्यालय और विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के द्वारा भौचर को पास कर वेंडर के खाते में विकास मद की राशि का भुगतान कराया गया है. अधिकांश विद्यालयों में भुगतान की गई राशि के विरुद्ध में सामग्री भी उपलब्ध नहीं है.
विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक में बिना प्रस्ताव पास किए ही विकास मद की राशि का व्यय किया जा रहा है. इस पूरी प्रक्रिया में वेंडर, विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक सह सचिव, प्रखंड संसाधन केंद्र का लेखापाल और दुमका प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी की भूमिका संदिग्ध है. इन सभी के माध्यम से विद्यालयों में हस्तान्तरित किए जा रहे विकास मद की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है. इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को इनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने और विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा किया गया है.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका
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