सियासत भी अजीब होती है! दुमका के रण में इतिहास का सबक और वर्तमान की मजबूरी को समझना हो, तो सीता सोरेन और पूर्व सांसद सुनील सोरेन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं 

सियासत में रंजिशें विचारधाराओं की होती है, इसकी बिसात पर वक्त ही दोस्त और दुश्मन बनाता है. पर इसका वसूल यही है कि सभी अपने मकसद के लिए ये सब करते हैं. यहां कोई स्थायी न तो दोस्त होते हैं और न ही दुश्मनी निभाते हैं.

सियासत भी अजीब होती है! दुमका के रण में इतिहास का सबक और वर्तमान की मजबूरी को समझना हो, तो सीता सोरेन और पूर्व सांसद सुनील सोरेन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं