रांची(RANCHI) - जिस प्रकार का माहौल बना हुआ है उससे तो साफ तौर पर यही लग रहा है कि झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना अधिक है.ईडी की कार्रवाई का यह परिणाम हो सकता है. हेमंत सोरेन की जगह अगर उनकी धर्मपत्नी कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बनाई जा सकती हैं तो कांग्रेस भी अपना वजन बढ़ाना चाहेगी. सरकार में साझेदारी बढ़ाना चाहेगी.
कांग्रेस के अंदर खाने क्या चल रही है रणनीति
झारखंड में सरकार का नेतृत्व परिवर्तन होने के आसार लग रहे हैं.ऐसे में कांग्रेस के अंदर खाने भी हलचल मच गई है.कांग्रेस नेताओं के बीच तरह-तरह की चर्चा है. नेतृत्व परिवर्तन में कांग्रेस यह जा रही है कि सरकार में डिप्टी सीएम का पद उसके पास आए. कुछ और विभाग भी मांगे जा सकते हैं. कांग्रेस अभी वेट एंड वॉच की मुद्रा में है. वैसे कांग्रेसियों को अब तक इस सरकार में बहुत ज्यादा सत्ता सुख की प्राप्ति नहीं हो पाई है. कांग्रेसियों को यह दर्द हमेशा होता रहा है.
क्या कहना है राजनीतिक पंडितों का
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कांग्रेस इस मौके का फायदा उठाना चाहेगी.उल्लेखनीय है कि हेमंत सरकार में कांग्रेस के 18 विधायक हैं. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30 विधायक है. इनमें से एक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया है. सरफराज अहमद को पार्टी की ओर से कुछ अच्छा पद ऑफर किया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि सरफराज अहमद पुराने कांग्रेसी नेता रहे हैं.लेकिन 2019 में वे झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए थे उसी के टिकट पर गांडेय विधानसभा सीट से विजयी हुए थे. कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को रांची आने को कहा है वैसे भी झारखंड कांग्रेस के नए प्रभारी गुलाम अहमद मीर 2 जनवरी को झारखंड आ रहे हैं. इस संबंध में झारखंड कांग्रेस इकाई ने अपने आला नेताओं से संवाद किया है.
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