रांची(RANCHI)- रिम्स के डाक्टरों के द्वारा सामूहिक इस्तीफे की धमकी के बाद महज 24 घंटें के अन्दर-अन्दर ही स्वास्थ्य विभाग को सीएमओ डॉ. अनीश कुमार का निलंबन वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.
औचक निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने दिये थें निर्देश
यहां हम बता दें कि अपने औचक निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता रिम्स की चादर मैली देख कर आग बबूला हो गये थें, उनके द्वारा तुरंत इस मामले में कार्रवाई करते हुए सीएमओ डॉ. अनीश कुमार को निलंबित करने का फरमान सुना दिया गया था.
चिकित्सकों ने दिया सामूहिक इस्तीफे की धमकी
लेकिन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आगबबूला होने के बाद अब बारी चिकित्सकों की थी. उन्हे किसी भी कीमत पर सीएमओ डॉ. अनीश कुमार का निलंबन स्वीकार नहीं था, चिकित्सकों ने स्वास्थ्य मंत्री के इस फरमान के बाद सामूहिक इस्तीफा सौंपने का निर्णय ले लिया. साथ ही अधीक्षक डॉ. हीरेंद्र बिरुआ सामने अपना विरोध प्रर्दशन भी किया. चिकित्सकों ने धमकी दे डाली कि यदि 24 घंटों के अन्दर-अन्दर निलंबन वापस नहीं हुआ तो वे पूर्ण रुप से कार्य का बहिष्कार करेंगे, साथ ही अपना-अपना इस्तीफा भी प्रबंधन को सौंप देंगे.
चादर गंदी जिम्मेवार कौन?
चिकित्सकों कहना था कि यदि रिम्स की चादर मैली है तो इसका जिम्मेवार सीएमओ कैसे हो गया? अधीक्षक और उपाधीक्षक को इसके लिए निलंबित क्यों नहीं किया गया? जबकि इसकी प्राइमरी जिम्मेवारी उनकी बनती थी, चादर गंदी होने की सजा चिकित्सकों को कैसे दी जा सकती है? इसके लिए तो स्वयं रिम्स प्रबंधन जिम्मेवार है. हमारा काम चादर और बेडसीट की सफाई करना नहीं है. मंत्री महोदय निश्चित रुप से रिम्स की चादर को सफेद करें, लेकिन इसके पहले वह यह भी तय करें कि इसकी जिम्मेवारी किसके कंधे पर हैं.
चिकित्सकों के बढ़ते आक्रोश के मद्देजनर महज 24 घंटों के अन्दर ही स्वास्थ्य विभाग को अपना फैसला उलटना पड़ा और निलंबन वापसी का हुक्म आ गया.
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