रांची(RANCHI): झारखंड में माओवादी अब अपनी अंतिम सांस गीन रहे है. सुरक्षाबलों की चौतरफा कार्रवाई से माओवादियों में हड़कंप मच गया है. झारखंड के बूढ़ा पहाड़ को फतेह करने के बाद अब मिशन कोल्हान पर जवान लगे हुए है. अब तक माओवादी कोल्हान को सेफ जोन मान कर चल रहे थे. लेकिन सुरक्षा बलों ने माओवादियों के खात्मे का ब्लू प्रिन्ट तैयार कर कार्रवाई में लगे हुए है. सुरक्षाबलों की कार्रवाई से बौखलाए माओवादी जंगल में बारूदी सुरंग बिछा कर सुरक्षा बल के जवानों से बच रहे है.
कोल्हान में जल्द होगा माओवादियों का सफाया
लेकिन अब सुरक्षा बल के जवान माओवादियों के बेहद करीब पहुंच चुके है. आने वाले कुछ समय में कोल्हान से भी माओवादियों का सफाया तय माना जा रहा है. हाल में कई बड़ी कामयाबी सुरक्षा बल के जवानों को मिली है. कई माओवादियों ने पुलिसिया दबिश के वजह से हथियार भी डाल दिया है. लेकिन कोल्हान में अभी बड़े पैमाने पर नक्सलियों का जमावड़ा है. कई बड़े शीर्ष माओवादी भी इस जंगल में पनाह लेकर बैठे है. जिसमें एनल दा, असीम मंडल, मिसिर बेसरा समेत कई कुख्यात शामिल है.
घायल जवान दिखा रहे थे विक्ट्री
कोल्हान के टोंटों, जराईकेला, छोटा नागर के सीमावर्ती इलाके के जंगलों में माओवादियों का ठिकाना है. माओवादियों के भ्रमणशील होने की सूचना पर सुरक्षा बल के जवान अभियान चला रहे है. इस दौरान जराईकेला और छोटा नागर के सीमावर्ती जंगल में IED की चपेट में आने से कोबरा 209 बटालियन के एसाई जितेंद्र घायल हो गया. घायल होने के बाद भी जवान ने हौसला नहीं तोड़ा. वह उसके बाद भी उठ खड़ा हुआ. लेकिन इलाज के लिए अधिकारियों ने घायल एसआई को एयर लिफ्ट कर रांची लाया गया है. इस दौरान भी जवान के चेहरे पर मुस्कान देखी गई. ऑपरेशन के लिए जब जवान को अस्पताल में ले जाया जा रहा है. तब भी विक्ट्री साइन दिखा रहे थे. इस मुस्कान और विक्ट्री साइन से रणक्षेत्र में डटे हुए सुरक्षा बल के जवानों और भी हौसला मिला है. साफ है कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में जवान है. जब तक माओवादियों को कोल्हान से खत्म न कर दे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे. इस पूरे अभियान की मॉनिटरिंग खुद पुलिस मुख्यालय से DGP कर रहे है.
रिपोर्ट. समीर हुसैन
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