धनबाद(DHANBAD) : कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने कोयलांचल की "असलियत" को गुरुवार को नंगी आंखों से देखा. कोयलांचल में जमीन के भीतर धधकती आग को देखा तो ऊपर "राजनीतिक आग" की तपिश को नजदीक से महसूस किया. कोयलांचल में कोयले की चमक से ही नेताओं की नेतागिरी चमकती है. ऐसी बात नहीं है कि यह आज से हो रहा है. बहुत पहले से ऐसा ही हो रहा है. पहले कोलियारियों पर कब्ज़ा के लिए माफिया लड़ते-मरते और कत्ल करते थे. अब यह काम कोल डंप पर कब्जे के लिए होता है. फिलहाल केवल किरदार बदल गए है,तरीका वही है. ऐसी बात नहीं है कि इसकी जानकारी कोल इंडिया, जिला प्रशासन, राज्य सरकार या कोयला मंत्रालय को नहीं है. सब कोई, सब कुछ जानता हैं, बावजूद यह सब होता है. कोल डंप कब्जे को लेकर राजनीति भी खूब होती है. बाहुबली टकराते है. जो भी कोयला मंत्री बनता है, समस्याओं को जानने की कोशिश तो सब करते हैं, लेकिन समाधान नहीं निकलता. नतीजा होता है कि समस्याएं जस की तरह बनी रहती है.
कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी पहली बार पहुंचे थे धनबाद
कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी भी पहली बार गुरुवार को धनबाद आये. उन्होंने भी समस्याएं समझी और जानी. भूमिगत आग के साथ-साथ यहां जमीन के ऊपर की राजनीतिक आग की तपिश को भी महसूस किया. बांसजोड़ा में तो ग्रामीणों के निशाने पर सांसद ढुल्लू महतो रहे. यह सब हुआ कोयला मंत्री के सामने. कोल इंडिया के अधिकारी भी मौजूद थे, तो जिला प्रशासन के अधिकारी भी, बावजूद विरोध करने वाले अपनी बात कहते रहे. दरअसल, कोयलांचल में चर्चा थी कि सांसद ढुल्लू महतो की पहल पर कोयला मंत्री धनबाद पहुंचे है. यहां की भूमिगत आग और यहां के विस्थापन के मुद्दे पर जानकारी लेने के बाद प्रधानमंत्री से सीधे राहत की बात करेंगे. लेकिन बांसजोड़ा में जब कोयला मंत्री ग्रामीणों से विस्थापन और पुनर्वास के मुद्दे पर संवाद कर रहे थे, इसी बीच हंगामा हो गया. धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई. हंगामा करने वाले कह रहे थे कि सांसद ढुल्लू महतो के इशारे पर आउटसोर्सिंग कंपनियां रैयतों का शोषण कर रही है. हंगामा होने के बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया. उस समय मंच पर कोयला मंत्री के अलावा,सांसद सहित अन्य लोग भी मौजूद थे.
ग्रामीण कह रहे थे-कोयला मंत्री का नहीं, सांसद का विरोध कर रहे
विरोध करने वाले कह रहे थे कि वह कोयला मंत्री का विरोध नहीं कर रहे, कोयला मंत्री का तो वह तहे दिल से स्वागत करते है. इस कार्यक्रम को सांसद ढुल्लू महतो का मंच बनाने के खिलाफ है. सांसद का जो मंच बनाने का प्रयास किया गया है, हम उसका विरोध कर रहे है. तेतुलमुड़ी कोल डंप पिछले 6 महीने से बंद है. हजारों हजार परिवार बेरोजगार है. उनका कहना था कि यह कोल डंप सांसद के इशारे पर बंद है और यह सब रंगदारी वसूली के लिए किया जा रहा है. एरिया 5 के बांस जोड़ा क्षेत्र में वह लोग जलेश्वर महतो और मथुरा महतो के अलावा किसी दूसरे का नेतृत्व स्वीकार नहीं करेंगे. जो भी हो लेकिन कोयला मंत्री इस राजनीति को किस चश्मे से देखा और कोयलांचल को कितना समझा, यह तो आगे की कार्रवाई से ही पता चलेगा. यह बात तो पूरी तरह से सच है कि कोयलांचल में जमीन के नीचे आग लगी हुई है तो जमीन के ऊपर राजनीतिक आग बरसो बरस से सुलग, जल और भभक रही है. विधानसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में यह राजनीति और तेज होगी, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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