टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन चुनावी साल में सौगातों की बारिश तो कर रहे हैं, इससे पहले तत्कालीन हेमंत सोरेन की सरकार ने भी कई कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारा
चुनावी वर्ष में नौकरियों का पिटारा
लेकिन, अगर बात रोजगार की करें तो अभी सरकार नियुक्तियों का पिटारा चुनावी वर्ष को देखते हुए खोलने की बात कह रही है. अगले तीन से चार महीने में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने 30 हजार सरकारी नौकरियों का देने का एलान भी किया . लेकिन, अगर महागठबंधन की सरकार के कार्यकाल को देखे तो यहां नौकरियां के लिए नियुक्ति पत्र तो बांटे गये. लेकिन, उम्मीद के माफिक नहीं रहें. इस दौरान JSSC-CGL पेपर लीक समेत कई ऐसे प्रकरण हुए, जिसके चलते युवाओं का रोजगार मिलने के अरमान पूरे नहीं हुए .
बेशक गुरुवार को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने राजधानी रांची के शहिद मैदान में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में 2454 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया . इससे पहले हेमंत सोरेन सरकार ने भी सरकारी नौकरी का पिटारा खोला . लेकिन, चार साल से ज्यादा वक्त से महागठबंधन की सरकार वजूद में है. जहां नियोजन के मुद्दे पर सरकार बैकफुट पर ही नजर आती है. इसका नतीजा ये रहा है कि झारखंड के छात्र सरकारी नौकरी की मांग को लेकर आए दिन सड़क पर उतरते रहे हैं.
अभी भी अटकी हुई है परीक्षाएं
हालांकि, इस दरम्यान कोरोना की वजह से तत्कालीन हेमंत सरकार के दो साल के कार्यकाल मुश्किल भरे रहे. लेकिन, इसके बाद जब हालात सुधरे तो एक उम्मीद थी कि कुछ बड़ा होगा. खाली पदों पर वैकेंसी निकलेगी, लेकिन उम्मीद के मुताबिक तो नहीं ही हुआ. इस दौरान एक चिज ये भी देखने को मिली कि सरकार स्थानीय एवं नियोजन नीति के मुद्दे पर 2022 में उलझती रही और परिस्थिति ऐसी बनीं कि हाईकोर्ट ने स्थानीय और नियोजन नीति को असंवैधानिक करार देने से कई विज्ञापन रद्द करने पड़े. हालांकि इन सब के बीच सकारात्मक बात ये रही कि , सरकार ने पूर्व की सरकार के द्वारा निकाली गई छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा और अपने कार्यकाल में सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा को आयोजित कर नियुक्ति पत्र देने में कामयाब जरुर हो गई.
इतने से बेरोजगारी नहीं होगी दूर
अगर पिछले बीस महीने में देखे तो महागठबंधन की सरकार 45 हजार से ज्यादा लोगों को नियुक्त पत्र दिया है . इसमे सरकारी विभाग में साढ़े आठ हजार से ज्यादा लोगों को ज्वाइनिंग मिली है. निजी क्षेत्रों की बात करें तो महागठबंधन की सरकार में विभिन्न जगहों पर रोजगार मेला निजी क्षेत्रों में नियुक्ति को लेकर लगाया है . इसके तहत 34 हजार से ज्यादा नियुक्ति पत्र सौंपे गये . इसके अलावा निजी क्षेत्र में समय-समय पर नियोजनालयों द्वारा भी अपने स्तर से नियुक्ति पत्र बांटे गये हैं. इधर,अभी तेजी से चंपाई सरकार नौकरी बांट रही है और आगे भी तीन चार महीनों में बांटने का एलान किया है. हालांकि, विद्यार्थी इतने से ही संतुष्ट नहीं होते दिख रहे हैं, क्योंकि अभी भी कई परीक्षाएं किसी न किसी वजह से अटकी हुई है.
JSSC-CGL पेपर लीक से टूटे ख्वाब
ताजा मामला,JSSC-CGL पेपर लीक का है. समान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता पीरक्षा लगभग दस सालों से आयोजित की जा रही है. लेकिन, बदकिसम्ती से आज तक पूरी नहीं हुई है. चौकाने वाली बात तो ये है कि इस दौरान 2019, 2021 और 2023 में इसी एग्जाम के लिए आवेदन मांगे गये. लेकिन, हर बार अलग-अलग वजहों के चलते परीक्षा रद्द कर दी गयी. इस दौरान रिक्त पदों की संख्या 114 से बढ़ कर 2025 तक हो गयी. लेकिन, दुर्भाग्य से परीक्षा आज तक नहीं हो सकी . सरकारी नौकरी के इंतजार में युवा आज भी इसे लेकर टकटकी लगाए हुए हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने परीक्षा जल्द कराने का दावा किया है.
अगर देखा जाए तो यह साल नियुक्तियों का साल होगा, क्योंकि लोकसभा के साथ-साथ इसी साल विधानसभा चुनाव होंगे . कोशिश राज्य सरकार की यही होगी कि रिक्त पदों पर वैकेंसी निकाली जाए. वैसे अभी तक के जो हालात देखने को मिले हैं. इससे तो यही लगता है कि नियुक्ति के मसले पर सरकार युवाओं के अरमानों पर उतनी खरी नहीं उतर पाई .
दूसरी तरफ राज्य सरकार ने सर्वजन पेंशन, अबुआ आवास जैसी योजना एक उपलब्धि की तौर पर है. लेकिन, रोजगार का संकट अभी भी झारखंड के युवाओं के सामने खड़ा है. हालांकि, ये आशाएं आसमान पर है कि चुनावी साल में कईयों के हाथों नौकरी आयेगी.
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