झामुमो अब अपनी छवि क्षेत्रीय से राष्ट्रीय पार्टी बनाने को कैसे बढ़ा रहा कदम, पढ़िए इस रिपोर्ट में !
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धनबाद(DHANBAD) : झारखंड विधानसभा के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को मिली सफलता के बाद अब यह पार्टी क्षेत्रीय दल से बाहर निकल कर राष्ट्रीय पार्टी बनने की कोशिश में जुट गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा का महाधिवेशन 13 से 15 अप्रैल तक रांची में प्रस्तावित है. इसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, ओड़िशा और असम की इकाइयों सहित 5000 से अधिक पार्टी प्रतिनिधि के भाग लेने की संभावना है. योजना के मुताबिक आने वाले दिनों में दिल्ली, बंगाल, असम, छत्तीसगढ़ में भी झारखंड मुक्ति मोर्चा का विस्तार होगा. इसके लिए तरह-तरह की तैयारियां की जा रही है. इसी साल बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है. बिहार विधानसभा के चुनाव में पूरी मजबूती के साथ लड़ने की जमीन तैयार झामुमो कर रहा है. सूत्र बताते हैं कि झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान ही झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राजद और कांग्रेस को इशारों -इशारों में बता दिया था.
बिहार के कुछ ज़िलों में शुरू हो सकता है सदस्यता अभियान
सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि बिहार में सीटों को लेकर पहले ही बात हो चुकी है. उसके बाद झारखंड में गठबंधन पर सहमति बनी थी. बिहार के कुछ जिलों में बहुत जल्द ही सदस्यता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. झारखंड में जीत के बाद नई दिल्ली में पार्टी कार्यालय खोले जाने पर भी काम चल रहा है. इस साल के अंत-अंत तक पार्टी विस्तार के कई फैसले लिए जा सकते है. अगले साल बंगाल में चुनाव है. वहां भी झामुमो अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में जुट गया है. पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान झामुमो ने झारखंड की सीमा से लगी आदिवासी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी. उसके बाद ममता बनर्जी नाराज हो गई थी. बाद में झामुमो ने अपना उम्मीदवार वापस ले लिया था. इसके पहले 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उम्मीदवार उतारा था. लेकिन उसे सफलता नहीं मिली थी.
झारखंड में तो झामुमो सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा है
सूत्रों के अनुसार इस बार पार्टी बिहार में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी और झारखंड की सीमा से लगे बिहार के कुछ हिस्सों में उम्मीदवार उतारेगी, वैसे भी झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा है. यह अलग बात है कि गठबंधन के तहत झारखंड में चुनाव लड़ा गया था. गठबंधन में कांग्रेस, राजद और माले शामिल थे. सीटों के बंटवारे में चक-चुक हुई थी. लेकिन फिर मामला संभल गया. कांग्रेस तो पहले भी 16 सीट पर थी, 2024 में भी 16 ही सीट जीत पाई. लेकिन राजद का खाता बढ़ा तो माले भी दो सीटों पर जीत दर्ज की. झारखंड मुक्ति मोर्चा तो 34 सीटों पर विजय पताका लहराया. नतीजा हुआ कि झारखंड में भाजपा पूरी तरह से बैक फुट पर चली गई. इस जीत ने झारखंड मुक्ति मोर्चा में उत्साह भर दिया है और अब यह क्षेत्रीय पार्टी से ऊपर उठकर राष्ट्रीय पार्टी बनने के प्रयास में जुट गई है.
बिहार के लिए तो सीटों का लगभग हो गया है चयन
सूत्र बताते है कि इस बार बिहार में सीट के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा आगे बढ़ चुका है. सीटें चिन्हित कर ली गई है. अब समय और मौके पर उन सीटों का खुलासा झामुमो कर सकता है. झारखण्ड के 2024 के विधानसभा चुनाव में झामुमो की मिली सफलता से पार्टी उत्साहित है. वह पहली बार झारखंड में सर्वाधिक सीटों पर चुनाव जीता है. 2024 के विधानसभा चुनाव में वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. इसके बाद उत्साह से लवरेज पार्टी अगल-बगल के राज्यों में भी अपना पैर पसारने में लग गई है. यह बात भी सच है कि गठबंधन में झामुमो का "बारगेनिंग" पावर बढ़ गया है. अब यह जानकारी निकल कर आई है कि बिहार विधानसभा का अगले साल होने वाले चुनाव में झामुमो दमदार उपस्थिति दर्ज करने की कोशिश में लग गया है. बंगाल भी उसके प्राथमिक सूची में है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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