धनबाद(DHANBAD): 2016 का साल. राज्य सभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर झारखंड में चर्चा तेज थी. शिकायत पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने की थी. अभी वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष है. अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में ओड़िसा के राज्यपाल रघुवर दास, स्पेशल ब्रांच के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता, मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अजय कुमार को इस मामले में क्लीन चिट मिल गई है. अनुराग गुप्ता फिलहाल सीआईडी और एसीबी के डीजी है. 2016 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को लालच देने का आरोप लगाया गया था. झारखंड विकास मोर्चा ने भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी. आयोग ने इस संबंध में मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. उसे समय झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी.
2018 में रांची के जगन्नाथपुर थाने में दर्ज हुआ था मामला
2018 में मुकदमा दर्ज हुआ था. रांची के जगन्नाथपुर थाने में यह मामला दर्ज किया गया था. केस में तब सिर्फ अनुराग गुप्ता और अजय कुमार को प्राथमिक अभियुक्त बनाया गया था. इस केस का अनुसंधान खुद जगन्नाथपुर थाना प्रभारी कर रहे थे. लेकिन बाद में इस केस में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी और अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया था. इसके साथ ही पुलिस के स्तर से केस में पीसी एक्ट की धारा जोड़ी गई थी. इसके बाद से केस का अनुसंधान हटिया डीएसपी कर रहे थे. डीएसपी को केस के अनुसंधान में कोई तथ्य नहीं मिले. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ,तत्कालीन विधायक निर्मला देवी सहित कई अन्य लोगों का बयान पुलिस ले चुकी है. बयान सहित पूर्व में आए अनुसंधान के तथ्यों के आधार पर पूर्व में भी हटिया डीएसपी ने केस में एक फाइनल रिपोर्ट तैयार की थी. इसमें भी किसी प्रकार के कोई साक्ष्य नहीं मिले थे. इधर, अदालत में डीएसपी ने फाइनल रिपोर्ट समर्पित कर दी है.
केस से जुड़े एक ऑडियो रिकॉर्डिंग जाँच के लिए भेजा गया था
केस से जुड़े एक ऑडियो रिकॉर्डिंग को भी हैदराबाद एफएसएल के पास भेजा था. रिपोर्ट आने के बाद पुलिस को यह जानकारी मिली कि केस में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत ऑडियो रिकॉर्डिंग सही नहीं है. इसमें आवाज को टेम्पर किया गया है. दरअसल, 2016 के राज्यसभा चुनाव में महेश पोद्दार एनडीए के प्रत्याशी थे. वहीं यूपीए की ओर से वर्तमान में दुमका से विधायक बसंत सोरेन उम्मीदवार थे. इस चुनाव में आरोप लग रहा था कि एनडीए की ओर से वोट के लिए योगेंद्र साव को मैनेज किया जा रहा था. जिनकी पत्नी निर्मला देवी उस वक्त बड़कागांव से विधायक थी. योगेंद्र साव के मार्फत बातचीत हो रही थी. इस चुनाव में बहुत ही करीबी अंतर से महेश पोद्दार जीत गए थे. उसके बाद यह मामला तूल पकड़ा था.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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