देवघर (DEOGHAR): आज देर शाम होलिका दहन होगा.सभी जगह दहन की तैयारी अंतिम चरण में है. होलिका दहन का शुभ समय रात्रि 10 बजकर 40 मिनट बताया जा रहा है. दहन के बाद बाबा मंदिर में हरि विष्णु और हर यानी भोलेनाथ का मिलन होगा. मंदिर में भी सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. हरिहर मिलन का समय रात्रि 11.20 है. इसके बाद बाबानगरी देवघर में होली शुरू हो जाती है.
होलिका दहन की तैयारी में जुटे लोग,अग्नि में नई फसल को किया जाएगा समर्पित
होली ऐसे तो रंग और उमंग का पर्व है लेकिन इसके पीछे भी एक पौराणिक मान्यता रही है. भगवान कृष्ण के भक्त प्रह्लाद को मिले भगवान के आशीर्वाद के कारण अग्नि समाधि में होलिका जल कर स्वाहा हो जाती है. लेकिन भक्त प्रह्लाद पर अग्नि का कोई प्रभाव नहीं होता है. दम्भ और अभिमान का प्रतीक होलिका के दहन की खुशी में ही होली मनाने की परंपरा चली आ रही है. जनकारों के अनुसार होलिका दहन के बाद स्नान कर नए वस्त्र धारण करने के साथ खुशियां मनाने के लिए होली मनाई जाती है. शरद ऋतु के समाप्त होने और ग्रीष्म ऋतु के आगमन के साथ ही प्रकृति पर भी यौवन की मदमस्ती छाई रहती है. ऐसे में मौसम की नई फसल को भी अग्नि में समर्पित कर होली की खुशियां मनाई जाती है. जनकारों के अनुसार हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा इस परंपरा की शुरुआत की गई थी. उसी का निर्वहन हम आजतक करते आ रहे है.
बाजार रंग और पिचकारी से पटी
होली को लेकर देवघर का बाजार रंग बिरंगी पिचकारी,अबीर गुलाल,रंग तरह तरह के मुखौटा से पटा पड़ा है. बड़ो से लेकर छोटे बच्चे काफी उत्साह के साथ अपनी अपनी पसंद की पिचकारी और रंग खरीदारी कर रहे है. बाजार में खरीदारों की उमड़ रही भीड़ से दुकानदार भी गदगद है. देवघर में कल और परसों होली मनाई जाएगी लेकिन माहौल अभी से ही बना हुआ है.
रिपोर्ट. रितुराज सिन्हा
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