रांची(RANCHI): झारखंड में हेमंत सोरेन की चौथी बार ताजपोशी होने जा रही है. गुरुवार को मोरहाबादी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया है.सबसे चौकाने वाली बात है कि हेमंत अकेले की शपथ लेने वाले है. इनके साथ कोई भी मंत्री शपथ नहीं लेगा. ऐसे में चर्चा है कि आखिर मंत्रिमंडल में पेंच कहाँ फस रहा है और हेमंत अकेले क्यों शपथ लेने वाले है. अगर इस अमंत्रिमंडल के पेंच को देखे तो कई जगह मामला फसा हुआ है.
सबसे पहले झामुमो की सहयोगी कांग्रेस में अब तक साफ नहीं हुआ है कि किसे मंत्री मंडल में शामिल किया जाए. कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व ने सभी विधायकों का डाटा आला कमान को सौप दिया है.ऐसे में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ही मंत्री के नाम की घोषणा करेगा. अगर देखे तो सभी कांग्रेस के विधायक चुनाव जीतने के बाद दिल्ली में डटे हुए है. सभी केन्द्रीय नेताओं से मिल कर अपनी दावेदारी पेश कर रहे है. ऐसे में जब तक कांग्रेस का रुख साफ नहीं होता है तब तक मंत्रिमंडल की तस्वीर साफ नहीं हो पाएगी.
दूसरा पेंच माले है,इस चुनाव में लाल झंडा दो विधानसभा में मजबूत हुआ है. दो विधायक जीत कर सदन पहुंचे है. ऐसे में इस बार के चुनाव को देखे तो गठबंधन का हिस्सा माले भी है और मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना है. लेकिन अब तक लेफ्ट की ओर से यह साफ नहीं किया गया है कि वह सरकार के साथ रहेगी या फिर लेफ्ट की भूमिका निभाएगी. इसका निर्णय में केन्द्रीय नेताओं को लेना है. अगर सरकार में शामिल होते है तो एक मंत्री का पद दिया जा सकता है. ऐसे में जब तक वाम नेता अपना पत्ता नहीं खोल लेते है तक तक तस्वीर साफ नहीं हो पाएगी.
तीसरा पेंच की बात कर ले तो राजद में भी तीन दावेदार है. लेकिन किसी एक को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी. रांची में राजद के चार विधायकों की बैठक हुई. शीर्ष नेतृत्व के आदेश पर सभी ने सुरेश पासवान को विधायक दल का नेता चुन लिया. लेकिन अब मंत्री बनने के रेस में हुसैनाबाद से संजय सिंह यादव,गोड्डा से संजय प्रसाद यादव और देवघर से सुरेश पासवान है. ऐसे में राजद आलाकमान भी सभी पर मंथन कर रहा है. अंतिम फैसला लालू यादव को लेना है. आखिर किसे मंत्री मंडल में शामिल कराने पर मुहर लगती है. यह तस्वीर कुछ दिनों में साफ हो पाएगी.
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