बेबसी! नर्क की जिंदगी जीने को मजबूर बिरहोर परिवार, मूलभूत सुविधाओं से आज भी हैं वंचित

वर्षो पहले स्वरोजगार के लिए दिया गई दोना पत्तल बनाने की मशीन कबाड़ बन गई है. उजव्ला योजना से मिला गैस कनेक्शन में गैस रीफिल करने के पैसे तक इनके पास नहीं है. जिसकी वजह से घर का खाना लकड़ी के चूल्हा पर ही बनता है. यहां सरकार की योजनाएं आते-आते दम तोड़ देती है. थाली में पोषण युक्त खाने के नाम पर पानी भात और नमक ही मिलता है.