गुमला(GUMLA):गुमला जिला के स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर आए दिन सवाल उठते रहते है, जहां स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही की वजह से लोगों की जान चली जाती है, लेकिन उसी गुमला जिला के घाघरा थाना क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्रों में जिस तरह से स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा देखने को मिल रही है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है. स्वास्थ्य कर्मी काफी कठिन सड़कों से होते हुए सुदूर इलाके में पहुंचकर लोगों को सेवा देने का काम कर रहे हैं. स्वास्थ्य कर्मी जिस रास्ते से होकर गांव तक पहुंचते हैं, उन रास्तों पर चलना आम व्यक्ति के लिए काफी मुश्किल हो सकता है, बावजूद इसके स्वास्थ्यकर्मियों के अंदर के जज्बे को देखकर लगता है कि यदि इसी तरह का जज्बा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों में आज हो जाये तो निश्चित रूप से स्वास्थ्य विभाग की जो सेवा होती है वह मानव सेवा की एक मिसाल हो सकती है.
इलाकों में अब तक सही रूप से सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया ह
वहीं इस सरकार के लिए भी यह शर्म की बात है कि अब तक इन इलाकों में सही रूप से सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ,जिन इलाकों से स्वास्थ्यकर्मी जाकर ग्रामीणों की जांच कर रहे हैं, उन सड़कों से ही पहाड़ों पर रहने वालेलोग अपने दैनिक कार्य के लिए प्रखंड मुख्यालय तक आते हैं, ऐसे में उन्हें कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. सत्ता में बैठे राजनेताओं को तो केवल अपने स्वार्थ से मतलब है, उन्हें ग्रामीणों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है. तभी तो ऐसे इलाकों में आज तक सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया. इन सड़कों की स्थिति को देखकर सुबे के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को सोचना चाहिए कि उनका विभाग किस तरह से कम कर रहा है. इन इलाकों में सही रूप से आवागमन की व्यवस्था नहीं हो पाई है.
जहां पर अब तक सड़क नहीं पहुंच पाई वहां विकास की उम्मीद बेवकूफी है
वहीं जब उसे इलाके में आदिम जनजाति के लोग रहते हैं, जिनके लिए राज्य सरकार हो और केंद्र सरकार दोनों करोड़ों रुपया खर्च करने का दावा करती है लेकिन जब वहां तक सड़क ही नहीं पहुंच पाई है तो विकास की उम्मीद करना ही बेवकूफी होगी, ऐसे में स्पष्ट कहा जा सकता है कि सुबे की सत्ता में बैठे लोगों को इन गरीबों की समस्याओं से कोई लेने ना देना नहीं है, यही वजह है कि उनकी स्थिति काफी बत्तर बनी हुई है, लेकिन वहीं दूसरी ओर काफी कम संसाधन के बीच जिस तरह से स्वास्थ्यकर्मी उन दुर्गम गांव में पहुंचकर लोगों की सेवा करने की पहल कर रहे हैं वो तारीफ के हकदार है. ऐसे में जिला प्रशासन और राज्य सरकार को ऐसे लोगों को सम्मानित करने की आवश्यकता है, तभी इन्हें देखकर दूसरे लोग भी प्रेरित होंगे और सही रूप से स्वास्थ्य सेवा के लिए सामने आ पाएंगे.
रिपोर्ट-सुशील कुमार
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