टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- हाड़ कंपा देने वाली इस सर्दी और ठिठुरन में झारखंड की सियासत भी गर्मी की बजाए अभी थोड़ी ठंडी है. यानि उतने उबाल नहीं, बल्कि सन्नाटा पसरा हुआ है. वजह 20 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर जांच एजेंसी जमीन घोटाले में पूछताछ करेगी.
लिहाजा, अंशकाओं के बादल इस बात को लेकर मंडरा रहें है कि कही कुछ बवाल न हो जाए, कही कानून-व्यवस्था बेलगाम न हो जाए और कही कोई अनहोनी न घट जाए. क्योकि, सीएम को लगातार आठ समन प्रवर्तन निदेशालय ने हाजिर होने के लिए दिया था. लेकिन, सात समन को दरकिनार करने के बाद आठवें में मुख्यमंत्री पूछताछ के लिए अपने आवास में राजी हुए. इस स्वीकार के बाद ही अंदर-अंदर एक खदबदाहत और उबाल तो है. डर, आशंका और चर्चाए बनीं हुई है कि आखिर 20 जनवरी को क्या होगा.
राज्यपाल ने कहा कि कानून व्यवस्था क्यों बिगड़ेगी ?
इन सब बातों के बीच झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णण ने इसे बेहद हल्के में लिया है. एक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने सीधा सा टका जवाब दिया कि आखिर कानून व्यवस्था क्यों बिगड़ेगी. ईडी अपना काम कर रही है. मुख्यमंत्री को सही जवाब देना है. उनका तो साफ तौर पर कहना था कि कानून से ऊपर कोई नहीं है . साथ ही प्रश्न भी उठाया कि आखिर पब्लिक भला क्यों गुस्सा होगी, इसका तो सवाल ही नहीं उठता है. लोकतंत्र में इन चिजों की कोई जगह नहीं है. यहां तक की खुद प्रधानमंत्री ने भी जांच एजेंसियों के सवालों से रुबरु होकर जवाब दिए हैं.
झारखंड के गवर्नर ने तो बेबाकी से अपनी बात रखकर एकबार फिर जतला दिया कि कानून से ऊपर कोई नहीं हैं. इससे पहले नये साल के आगमन पर ही राज्य की सियासी हलचले तेज हो गई थी. इसी बीच चेन्नई दौरे पर चले गये थे. जाते-जाते बोल गये थे कि जो गलत किया है, उसे परिणाम भुगतना पड़ेगा.
ईडी को जेएमएम प्रवक्ता ने दिखायी आंख !
इधर मंगलवार को जेएमएम के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने इसे लेकर भड़के नजर आ रहे थे. उनका मानना था कि ईडी की इस कार्रवाई से जनता में आक्रोश है. अगर इस चेतवानी को समझने में जांच एजेंसी देरी की तो वीभत्स परिणाम देखने को मिल सकते हैं. इनकी इस बातों से कही न कहीं कुछ गड़बड़ी और चेतावनी कानून व्यवस्था को लेकर झलकती है.
जेएमएम के प्रवक्ता ने इसके लिए भारतीय जनता पार्टी का हाथ बताया, जो ईडी के जरिए पीछे से वार कर रही है. प्रतिशोध में सबकुछ किया जा रहा है.जिसके चलते जेएमएम को ईडी के साथ राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए विवश किया जा रहा है.
आखिर 20 जनवरी को क्या होगा ?
राज्य की इस हालात पर आगे क्या होगा, इसकी असलियत तो 20 जनवरी को ही मालूम पड़ेगी. लेकिन, भाजपा लगातार इसे लेकर मुखर है. भाजपा प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा की माने तो एक तरफ ईडी को बुलाया जाता है औऱ दूसरी तरफ उनके पार्टी के वरिष्ठ नेता की तरफ से धमकी दे जाती है. जबकि, कानून सबके के लिए बराबर है.
प्रश्न उठ ये रहा है कि क्या वाकई आगामी शनिवार को कोई बवाल होगा या फिर पब्लिक का गुस्सा देखने को मिलेगा. या फिर इस दिन ईडी कोई बड़ी कार्रवाई कर कुछ चौका न दें. इसे लेकर तमाम तरह की बाते बाजार में आम हो गयी हैं, देखना यही दिलचस्प होगा कि आखिर उस दिन सबकुछ कैसा रहता है.
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