धनबाद(DHANBAD): बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी एवं प्रभावी योजना "सीटी बजाओ -स्कूल बुलाओ" कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. अभियान का उद्देश्य छात्रों की उपस्थिति बढ़ाना और ड्रॉप आउट बच्चों को फिर से नामांकन कराना है. शिक्षा सचिव इस कार्यक्रम की मॉनीटरिंग कर रहे है. इस अभियान के लिए हर एक गांव में प्रत्येक बच्चे को एक सीटी दी जाती है और उसे 20 से 25 बच्चों को स्कूल लाने का काम सौंपा जाता है. प्रत्येक गांव में एक नामित मॉनिटर के नेतृत्व में स्कूल ड्रेस पहने छात्र पहुंचते हैं और सीटियां बजाते है. यह माता-पिता के लिए एक संकेत भी है कि स्कूल खुला है और उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करना है. यह सीटी ग्रामीण क्षेत्रों में एक अलार्म का काम करती है. जो माता-पिता और बच्चों को स्कूल के लिए तैयार होने के लिए प्रेरित करती है.
बच्चों में मजबूत प्रबंधन और नेतृत्व कौशल भी विकसित होता है
जिन बच्चों को सीटी बजाने की जिम्मेदारी दी जाती है ,उनमें मजबूत प्रबंधन और नेतृत्व कौशल भी विकसित होता है. सरायकेला इलाके का एक वीडियो हाथ लगा है. स्कूलों को अपने पोषक क्षेत्र के टोला -मोहल्ले से आने वाले सभी छात्र-छात्राओं का एक समूह बनाना है. छात्रों के प्रत्येक समूह से एक मॉनिटर का चयन किया गया है. प्रत्येक समूह के मॉनिटर को एक सीटी दी गई है. यह सीटी विद्यालय विकास अनुदान से खरीदी जा रही है. प्रत्येक समूह के मॉनिटर अपने निर्धारित क्षेत्र में स्कूल शुरू होने के एक घंटा पहले सीटी बजाते हुए स्कूल पहुंच रहे है. साथ ही अभिभावकों को प्रेरित भी कर रहे हैं कि अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजे. यह अभियान स्कूल बंद होने जैसे बहानों पर अंकुश लगाने, छात्रों में जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने में प्रभावी साबित हो सकता है. जिन लोगों को सीटी बजाने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, उनमें मजबूत प्रबंधन और नेतृत्व कौशल भी विकसित होता है. इसके अलावा, ये छात्र गांवों में अपने साथियों के प्रतिनिधि भी बन सकते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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