रांची (RANCHI) : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन था. सीएम हेमंत सोरेन ने बुधवार को सदन के अंदर छात्र हित की बातें करते हुए कहा कि नियोजन नीति को लेकर सरकार के प्रतिनिधियों ने अभ्यर्थियों से मुलाकात कर भरोसा दिलाया है. उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. वर्तमान सरकार राज्य की हर कमिटमेंट को पूरा करने की कोशिश करती है. और पूर्व में भी कार्य किया है.
मंत्री और विधायक ने सुनी अभ्यर्थियों की गुहार
नियोजन नीति की मांग को लेकर हजारों की संख्या में छात्रों ने बुधवार को झारखंड विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों के आक्रोश को देखते हुए सरकार के मंत्री ओर विधायकों ने इनकी मांगो को सुना और उसे पूरा करने का आश्वासन दिया. छात्रों के साथ इस बातचीत में श्रम एवं रोजगार मंत्री सत्यानंद भोक्ता, बगोदर विधायक विनोद सिंह, गोमिया विधायक लंबोदर महतो, मेगामा विधायक दीपिका पांडे और गिरिडीह विधायक सुधीर सोनू शामिल थे.
मामले को सुप्रीम कोर्ट तक नहीं घसीटने की मांग
बता दें कि मौके पर अभ्यर्थियों ने नियोजन नीति के मामले को सुप्रीम कोर्ट तक नहीं घसीटने की मांग रखी. उनकी माने तो अगर यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा तो फैसला आने में काफी समय लग सकता है. वहीं छात्रों ने नौकरी की उम्र सीमा में छूट की मांग भी की. सत्ता पक्ष के मंत्री और विधायकों ने बैठ कर उनकी मांगे सुनी और अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाया कि सरकार अब नियोजन नीति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाएगी. साथ ही सरकार ने उनकी उम्र सामा को लेकर की गई मांगों पर अपनी हामी भरी. बातचीत के बाद छात्र-छात्रओं ने गांधीवादी तरीके से धरना को खत्म किया.
विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे छात्र
राज्य सरकार की नियोजन नीति 2021 को झारखंड हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है. नियोजन के रद्द होते ही हजारों-लाखों युवाओं के सरकारी नौकरी पाने का रास्ता कुछ और महीनों के लिए अधर में लटक गया. हाई कोर्ट से नियोजन रद्द होने के बाद से ही युवा सड़क पर हैं. नौजवान सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. वहीं, सरकार मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कह रही है. वहीं, हजारों की संख्या में छात्र बुधवार को पुरानी विधानसभा पहुंचे. छात्र विधानसभा का घेराव करने पहुंचे. छात्रों का कहना है कि सरकार नियोजन नीति को अपने स्तर से ठीक करे इसे सुप्रीम कोर्ट ले जाने का कोई तुक नहीं है. छात्रों का कहना है कि उनकी उम्र निकलती जा रही है.
4+