धनबाद(DHANBAD): केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 को प्रारंभ कर दिया है. केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन भी जारी कर दिया है. जानकारी के अनुसार अब सालाना नौ लाख तक कमाने वाले भी इस योजना का लाभ ले सकते है. झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग ने धनबाद नगर निगम को इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर दिया है. साथ ही ऑनलाइन पोर्टल से आवेदन प्रक्रिया शुरू करने को कहा है. बता दें कि शहरी गरीबों को घर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने 4 साल बाद इस योजना को फिर से प्रारंभ किया है. केंद्र के निर्देश के बाद झारखंड सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग ने धनबाद नगर निगम के नगर आयुक्त को पत्र लिखकर इस योजना के लिए लाभुकों से ऑनलाइन पोर्टल से आवेदन लेने का निर्देश दिया है.
एक्नॉलेजमेंट रसीद के साथ आवेदन निगम में जमा करने होंगे
ऑनलाइन आवेदन के बाद प्राप्त एक्नॉलेजमेंट रसीद के साथ सभी दस्तावेज नगर निगम कार्यालय में जमा करने होंगे. 14 जून 2015 से पहले नगर निकाय क्षेत्र में रहने वाले को इसका लाभ मिलेगा. आवेदक का आधार कार्ड एवं वोटर कार्ड के साथ आवेदक के परिवार के सभी सदस्यों का आधार होना चाहिए. जमीन का दस्तावेज, खतियान, डीड लगान रसीद, बैंक पासबुक और स्वयं के फोटो की जरूरत होगी. सालाना 3 से 9 लाख तक आमदनी वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा. देश के किसी भी हिस्से में मकान नहीं होने का खुद का शपथ पत्र देना होगा. बने हुए फ्लैट या मकान खरीदने पर भी सरकार सब्सिडी देगी. इस बार ऑनलाइन पोर्टल के जरिए ही आवेदन करना होगा.
केंद्र सरकार ने इस बार नियम में बड़ा परिवर्तन किया है
केंद्र सरकार ने इस बार नियम में बड़ा परिवर्तन किया है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में बदलाव करते हुए प्रदेश में नए सिरे से इसकी शुरूआत की गई है. पहला अब लाभुकों से योजना का लाभ पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे. दूसरा, आवेदन के साथ अब लाभुकों को आय प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा. योजना को तीन आय वर्ग में बांटा गया है. केंद्र सरकार ने योजना का दायरा बढ़ाते हुए तीन आय वर्गो के लाभुकों को इसमें शामिल किया है. तीन लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), छह लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले निम्न वर्ग (एलआईजी) और नौ लाख रुपए तक के वार्षिक पारिवारिक आय वाले मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) को भी योजना में शामिल किया गया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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