देवघर(DEOGHAR): गोड्डा लोकसभा चुनाव की समीक्षा करने सोमवार 17 जून को बीजेपी प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू और उपाध्यक्ष बालमुकुंद सहाय देवघर आए थे. देवघर के होटल में समीक्षा बैठक हो रही थी. इसी बीच सांसद निशिकांत दुबे के समर्थक आ गए और जमकर हंगामा करने लगे. हंगामा तो ठीक गाली गलौज और हाथापाई भी शुरू कर दी. इसके बाद सुरक्षा कर्मी और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मामला को शांत कराया. निशिकांत दुबे के समर्थक देवघर विधायक नारायण दास पर लोकसभा चुनाव में विरोध में कार्य करने का आरोप लगा रहे थे. दूसरी ओर देवघर विधायक नारायण दास ने बताया कि उन्हें जबरदस्ती कमरे में निशिकांत दुबे के गुंडों ने कैद कर अभद्र व्यवहार करते हुए गाली गलौज किया है.
पढें पूरे मामले पर नारायण दास ने क्या कहा
नारायण दास ने कहा कि जो भी सांसद निशिकांत दुबे के समर्थक थे उनमें से कोई भी बीजेपी का कार्यकर्ता और नेता नही है. सिर्फ और सिर्फ निशिकांत दुबे के गुंडे थे. बीजेपी की समीक्षा बैठक में हुए इस घटना जिला ही नही पूरे राज्य में आग की फैल गई थी. लोगों द्वारा यह चर्चा की जा रही है कि एक दलित पिछड़ा विधायक के साथ ऐसी घटना कारित होना कही से उचित नहीं है. दबे जुबान लोग बीजेपी की दुर्दशा होने की बात भी कर रहे हैं.
सांसद के भाई ने सोशल मीडिया के माध्यम से विधायक को अप्रत्यक्ष रूप से धमकाया
किसी भी पार्टी में उनके विधायक या सांसद का विरोध कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाता है तो वह पार्टी अपना वर्चस्व ज्यादा दिन तक स्थापित नही कर पाती. ऐसे में पार्टी आलाकमान को त्वरित कोई निर्णय लेने की आवश्यकता है. देवघर की बात करे तो यहां के विधायक सांसद से पार्टी में वरिष्ठ है. लेकिन कल समीक्षा बैठक के दौरान घटी घटना के बाद सोशल मीडिया में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. सांसद निशिकांत दुबे ने यह लिखते हुए अपना पलड़ा झाड़ लिया की वह पिछले 72 घंटे से अस्पताल में है. इसलिए उन्होंने किसी का फ़ोन नही उठाया. लोग इसकी भी चर्चा कर रहे हैं कि अगर कोई अस्पताल में भर्ती है तो सोशल मीडिया में लगातार एक्टिव कैसे है.
बीजेपी के समीक्षा बैठक के दौरान हुए विवाद पर निशिकांत दुबे ने झाड़ा पल्ला
खैर छोड़िए, सांसद जहां इस घटना से अपना पल्ला झाड़ लिया है वही इनके अपने छोटे भाई संतोष दुबे ने फेसबुक पर देवघर विधायक को अप्रत्यक्ष रूप से धमकी दे डाली. यह धमकी चुनाव में टिकट नही मिलने से है. इन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से लिखा है कि अगर टिकट मिल भी जाता है तो उन्हें हराने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जाएगा. सांसद के भाई के अलावा सांसद समर्थक भी सोशल मीडिया में देवघर विधायक नारायण दास के विरोध में लिखने का मुहिम शुरू कर दिया है. कहाँ एक सांसद जिसके अंतर्गत 6 विधानसभा आता है जो एक विधायक से खुले आम लड़ रहे हैं. इसका मतलब साफ है कि निशिकांत दुबे पर नारायण भारी पड़ रहे है. अब देखना होगा कि पार्टी आलाकमान का फ़ैसला क्या होता है.
रिपोर्ट- रितुराज सिन्हा
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