घाटशिला उपचुनाव : पूर्व सीएम चंपई सोरेन पर पहली बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्यों कर दिया इतना बड़ा हमला, पढ़िए !


धनबाद(DHANBAD) : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शायद पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री और स्वर्गीय शिबू सोरेन के सहयोगी रहे चंपई सोरेन पर इतना कड़ा हमला बोला है. चंपई सोरेन के भाजपा में जाने के बाद भी हेमंत सोरेन ने कोई विशेष टिप्पणी नहीं की थी. सत्ता में प्रचंड बहुमत से आने के बाद भी कोई कड़ी टिप्पणी नहीं की थी. लेकिन कुछ घंटे पहले सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने चंपई सोरेन अथवा उनके पुत्र बाबूलाल सोरेन का नाम लिए बगैर कड़ी टिप्पणी की है. यह सब घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर किया गया है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन घाटशिला में थे.
नाम तो किसी का नहीं लिया लेकिन किसको बैल कहा, सब जान गए
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा है कि आज जो प्रत्याशी, भारतीय जनता पार्टी का आपको दिखता है, वह कौन है. वह ऐसा बैल है, जो खाया-पिया-मोटाया झामुमो में और हल जोतने चला गया भाजपा के खेत में. ऐसे ही लोग बीच-बीच में हमारे आंदोलन को कमजोर करते है. आज इसी वजह से 30 से 40 वर्ष लग गए इस राज्य को अलग करने में. कई आंदोलनकारी आज भी जीवित है और बुजुर्ग हो गए है. लेकिन हमारी पीढ़ी जवान हो गई है. अब हम लोगों ने भी कंधा मजबूत कर लिया है और ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देने का ताकत भी हम रखते है. बता दें कि झारखंड के घाटशिला में उपचुनाव हो रहा है.
घाटशिला में 11 को है वोटिंग और 14 को होगी वोटो की गिनती
11 नवंबर को वोटिंग है और 14 नवंबर को इसका रिजल्ट आएगा. घाटशिला का उपचुनाव का परिणाम निश्चित रूप से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं डालेगा, लेकिन सीट का परिणाम नेताओं के कद- काठी को तय कर देगा. 2024 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बने झामुमो के लिए यह प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ तो है ही, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और चंपई सोरेन के लिए भी यह सीट चुनौती है. झामुमो ने स्वर्गीय रामदास सोरेन के पुत्र को उम्मीदवार बनाया है, तो भाजपा ने चंपई सोरेन के पुत्र को अपना दोबारा उम्मीदवार बनाया है. 2024 के विधानसभा चुनाव में भी वह भाजपा के उम्मीदवार थे. जयराम महतो की पार्टी के उम्मीदवार भी मैदान में है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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