टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- तकदीर कब पलट जाए और मौत कब आ जाए ये कोई नहीं जनता. पलक झपकते औऱ देखते-देखते ही बाजी पलट जाती है. जिंदगी का ये दस्तुर और फलसफा है, सबकुछ आपके मुताबिक नहीं चलता. गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या भी कुछ इसी इत्तेफाकन हो गयी. शायद उसने कभी सपने में नहीं सोचा था. जो उसका सेवादार औऱ खास था, उसने ही पिस्टल तान कर जिस्म में गोलिया उतार दी .
वो 3 दिसंबर का दिन
धनबाद जेल में 3 दिसंबर का दिन इतिहास के काले पन्नों में दर्ज हो गया. वो इसलिए कि जो जेल सबसे महफूज मानी जाती, उसके अंदर बंदुक से एक अपराधी की दिन में ही हत्या कर दी जाती है. एक गहरी औऱ काली साजिश के कई किरदार थे, जो अपने बन रहे थे, वही जान के दुश्मन अमन सिंह के बन बैंठ. आंखों में बगावत औऱ दिल में गुस्सा तो अमन के खिलाफ पहले से ही थी, बस मुफीद वक्त का इंतजार था
क्या बात आई सामने ?
धनबाद जेल में अमन सिंह की हत्या को लेकर जो खुलासा हुआ. वह बेहद ही सनसनीखेज है. दरअसल, जिस पिस्टल से अमन की हत्या की गई थी. उससे पहले धनबाद जेलर मो. मुस्तकीम अंसारी को मारने की पुख्ता योजना अमन सिंह ने बनायी. लेकिन अंत में अमन के गुर्गों ने अमन का ही काम तमाम करवा दिया. दरअसल यह खुलासा पुलिस रिमांड पर पूछताछ में विकास बजरंगी और सतीश साव उर्फ गांधी ने किया है.
जेल में कैसे पहुंचा पिस्टल
विकास बजरंगी और सतीश साव ने स्वीकार किया कि अमन सिंह के मर्डर के तीन दिन पहले आशीष रंजन ने मैसेंजर के जरिए ऑडियो कॉल किया था. इस दौरान उसने बाहर से आने वाले राशन के सामान के बीच एक झोले में पिस्टल छिपाकर रखने की बात कही. पहले तो इस बात पर यकीन ही नहीं हुआ औऱ हवा-हवाई ही समझ रहे थे. लेकिन, गोदाम में जाने पर उन लोगों ने एक झोले में दो पिस्टल रखा हुआ देखा. इसके बाद तीन दिनों तक इसे छुपाकर रखा और हत्या वाले दिन सुंदर को पिस्टल दिया.
जेलर की हत्या के लिए बुलाया था शूटर
अमन सिंह जेलर की हत्या करना चाहता था, इसलिए उसने उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ से शूटर सुंदर महतो उर्फ रितेश यादव को धनबाद बुलाया. बाइक चोरी की नाटकीय तरीके से घटना को अंजाम दिलवाकर धनबाद जेल भिजवाया. सुंदर ने जेल में जेलर की हत्या करने से इंकार कर दिया, तो अमन ने उसके पिता-भाई को जान से मारने की धमकी दी. इस घटना के बाद आशीष रंजन ने सुंदर महतो उर्फ रितेश को उकसाया औऱ कहा कि अगर वह अमन सिंह को मौत के घाट नहीं उतारेगा तो फिर मेरे और तुम्हारे घरवालों को मार डालेगा. इसके बाद सुंदर अमन सिंह को मारने की ठानी. विकास बजरंगी और सतीश साव ने दोनों पिस्टल सुंदर को सौप दी. इसके बाद दोपहर को सुंदर ने अमन को सीने और सर पर गोलियां उतार दी औऱ हत्या कर दिया.
कौन था गैंगस्टर अमन सिंह ?
अमन सिंह उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर का रहने वाला था. अपराध की दुनिया में उसने बेहद ही कम उम्र से अपना कदम रख दिया था. बताया जाता है कि जेल में यूपी के कुख्यात मुन्ना बजरंगी से मुलाकात के बाद ही उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखकर अपनी सल्तनत बनाया. अमन को चर्चा तब मिली, जब उसने 2017 में धनबाद के डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या में उसका नाम आया. इस केस के सिलसिले में ही धनबाद जेल में बंद भी था. उसके खिलाफ वैसे भी हत्या, रंगदारी , लूट समेत दर्जनों मामले दर्ज थे. शूटर अमन सिंह ने अपनी मौत की आशंका जताई थी और कई बार सुरक्षा की गुहार भी लगाया था. जेल के भीतर उसकी हत्या के बाद ये आशंका सच साबित हो गई.
माफिया अमन सिंह की हत्या में कितनी कड़िया औऱ कितने किरदार है. अभी पुलिस सभी को जोड़ रही है. अब एक समय के बाद ही, धनबाद जेल में पहली बार हुई किसी की हत्या का राज खुल सकेगा. हालांकि, अभी फिंजा में इसे लेकर तमाम अनसुलझे सवाल है. जिसकी गुथ्थियां सुलझने का इंतजार सभी को है.
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