धनबाद के सपनो में गैंग्स ऑफ़ वासेपुर की कील, नए बनने वाले फ्लाई ओवर से क्या है इसका कनेक्शन- जानें पूरा मामला


धनबाद (DHANBAD): मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले जुलाई माह में धनबाद आए थे. उन्होंने धनबाद के लोगों को मटकुरिया फ्लाई ओवर का सपना दिखाया. फ्लाई ओवर बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हुई. स्टेट हाईवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड (साज) ने 18 जुलाई को इसके लिए ऑनलाइन टेंडर भी निकाल दिया. टेंडर भरने की अंतिम तिथि 12 अगस्त थी, लेकिन जैसी की जानकारी मिल रही है कि किसी भी कंपनी या ठेकेदार ने इसमें हिस्सा नहीं लिया है. कारण कई गिनाई जा रहे हैं, जिन में दो कारण प्रमुख रूप से उभर कर सामने आ रहे हैं. एक तो गैंग्स ऑफ वासेपुर की सक्रियता और दूसरा विस्थापित होने वाले लोगों का पुनर्वास. हालांकि जमीनअधिग्रहण का भी काम शुरू हो गया था.
127 करोड से बनना 3.25 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर
127 करोड रुपए की लागत से 3.25 किलोमीटर लंबा फ्लाई ओवर बनाने की योजना है. इस फ्लाई ओवर के बन जाने से धनबाद को जाम से एक बड़ी राहत मिल सकती है लेकिन अब ठेकेदार नहीं मिलने से यह काम लंबा खींच सकता है. वैसे अधिकारियों के अनुसार मटकुरिया फ्लाईओवर के लिए फिर से टेंडर निकाला जाएगा. सूत्रों की माने तो गैंग्स ऑफ वासेपुर की सक्रियता की वजह से कोई भी कंपनी या ठेकेदार काम करने को इच्छुक नहीं है. पिछले 6 महीने की बात करें तो गैंग्स ऑफ वासेपुर के कारण धनबाद की छवि को धक्का लगा है. वासेपुर में अभी प्रिंस खान और फहीम खान ग्रुप में टकरा हट चल रही है.
नन्हे हत्याकांड के बाद यह टकराहट ज्यादा बढ़ी
जमीन कारोबारी नन्हे हत्याकांड के बाद यह टकराहट ज्यादा बढ़ गई है. नन्हे हत्याकांड के बाद धनबाद के इतिहास में पहली बार प्रिंस खान ने वीडियो जारी कर हत्या की जिम्मेवारी ली और फहीम खान के परिवार को चुनौती दी कि वह उनकी सल्तनत नहीं रहने देगा. आगे कहा था कि धनबाद के लोगों को कारोबारियों को छोटे सरकार यानी प्रिंस खान को रंगदारी देनी होगी. उसके बाद प्रिंस खान ने अन्य कई वीडियो जारी कर धनबाद पुलिस को भी चुनौती दी थी. जिससे धनबाद पुलिस की भी काफी किरकिरी हुई, हालांकि धनबाद पुलिस ने प्रिंस खान के घर की कुर्की की. उसके बाद बाद प्रिंस खान थोड़ा ठंडा पड़ गया है. इधर, अपने बच्चों की शादी में पैरोल पर आए फहीम खान ने मीडिया से कहा था कि प्रिंस खान जैसे लोगों की धमकी की वह परवाह नहीं करता. कानून अपना काम करेगा और कानून से बड़ा कोई नहीं होता. मटकुरिया फ्लाईओवर का एक बड़ा हिस्सा वासेपुर से गुजरेगा, इसलिए कोई भी कंपनी या ठेकेदार इसमें हाथ डालना नहीं चाहते ,अधिकारी भी इसे दबे जुबान से स्वीकारते हैं.
फ्लाई ओवर बन जाने से क्या क्या होंगे फायदे
बैंकमोड़ फ्लाई ओवर पर घटेगा बोझ, मटकुरिया फ्लाईओवर बनने से बैंकमोड़ फ्लाई ओवर पर बोझ घटेगा, जाम कम होगा, बोकारो या कुसुंडा से निकलने वाले माल वाहक ट्रक मटकुरिया फ्लाई ओवर से सीधे आठ लेन सड़क पर मिल जाएंगे, रांची-बोकारो से आने वाले लोग, जिन्हें धनबाद शहर नहीं जाना हो, वह सीधे इस फ्लाई ओवर के रास्ते शहर से बाहर आठ लेन पर निकल सकेंगे.
4+