देवघर(DEOGHAR): सारठ से बीजेपी विधायक सह पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने झारखंड सरकार पर जमकर हमला किया है. और हेमंत सोरेन की सरकार पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा है कि आज झारखंड में किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का जो पैसा मिल रहा है वो बीजेपी की ही देन है.
पूर्व रघुवर सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना के तहत 12 लाख किसानों को दिया था लाभ
इस वर्ष भी सुखाड़ की स्थिति है. इससे पहले 2018 में भी सुखाड़ होने से किसान चिंतित थे. तब तत्कालीन रघुवर सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना के तहत 12 लाख से अधिक किसानों का बीमा लगभग 87 करोड़ रुपए कैबिनेट से स्वीकृति दिलाकर बीमा कंपनी को देने का काम किया था. जिसका नतीजा है कि आज झारखंड के किसानों को उनके फसल नुकसान के मुताबिक 5 हज़ार से लेकर डेढ़ लाख या इससे अधिक का राशि सुखाड़ राहत के तहत मिल रहा है.रघुवर सरकार ने 2018-19 में सभी किसानों का बीमा प्रीमियम जमा कर एक ऐतिहासिक कार्य किया था. क्योंकि उस समय किसानों को सुखाड़ से काफी नुकसान उठाना पड़ा था. इसके अलावा किसानों की और मदद करने के लिए रघुवर सरकार ने 75 प्रतिशत अनुदान पर बीज मुहैया कराया था.
हेमंत सरकार के अंशदान नहीं देने की वजह से पिछले 3 साल से लटकी है योजना
2018 में हुए सुखाड़ राहत के तहत पीएम फसल बीमा योजना का लाभ झारखंड के किसानों को 2020 में मिल जाना था. लेकिन झारखंड की वर्तमान हेमंत सरकार ने राज्य सरकार का अंशदान नही देने की वजह से पिछले 3 साल से लटका के रखी हुई थी. वही केंद्र सरकार की ओर से जब इस साल कड़ाई की गई. तो, हेमंत सरकार ने अंशदान दिया. हेमंत सोरेन और उनके के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख सिर्फ जनता और किसानों को गुमराह कर रहे है. इनलोगो को किसानों से कोई मतलब नही है. अगर मतलब रहता तो झारखंड में पीएम फसल बीमा योजना बंद नहीं करते.
किसानों के हित के लिए पीएम फसल बीमा योजना फिर से शुरू करें हेमंत सरकार
रंणधीर सिंह ने कहा कि 2019 में जब यह सरकार बनी तो इन्होंने पीएम फसल बीमा योजना को बंद कर मुख्यमंत्री फसल राहत योजना की शुरुआत की. लेकिन तब से आज तक किसानों को इसका लाभ नही मिला है. कृषि विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख पर तंज कसते हुए कहा कि इनको सिर्फ अपने काम से काम रहता है. किसानों के लिए इनको कोई फिक्र नही है. झूठा ढिंढोरा पीटकर किसानों को गुमराह करने से भी नही पीछे हटते है.रंणधीर सिंह ने पीएम फसल बीमा योजना को झारखंड में फिर से शुरू करने की मांग सरकार से की है.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा
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