टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- हम आज चांद पर पहुंच गये हैं, सूचना क्रांति की इस तेज भागती दुनिया में हम खुद को दुनिया से कदम से कदम मिलाते भी दिखते हैं. लेकिन, जब अपने समाज के अंदर झांकते हैं, तो बहुत कुछ बदला हुआ नहीं दिखता बल्कि परंपरा और भेदभाद की जंजीरों को जकड़े हुए महसूस करते हैं. जहां आजाद भारत में ही जिंदगी जीना और सांस लेना आफत सरीखा लगता है.
आदिवासी परिवार के साथ प्रताड़ना
कुछ इसी तरह की बानगी राजधानी रांची के ओरमांझी में देखने को मिली. जहां एक आदिवासी परिवार को समाज ने इतना प्रताड़िता किया कि मजबूरन इंसाफ की गुहार लगाने थाने पहुंच गई. जो समाज किसी की जिंदगी संवराने के लिए बीड़ा उठाता, उसी समाज के ठेकेदारों ने कानून की धज्जियां उड़ाई और पहले नाबालिग की जबरन शादी कराई. इसके बाद फिर दोनों पक्षों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. आर्थिक दंड नहीं चुकाने पर गांव के गरीब स्वजनों को सरकारी कुएं और चापानल से पानी भरने पर पाबंदी लगा दी. बेचारा परिवार इधर-उधर से रोजमर्रा के काम के लिए पानी का जुगाड़ा कर रहा है.
इंसाफ के लिए थाने पहुंचा परिवार
इस फरमान से परेशान पीड़ित परिवार अपने बाल-बच्चों के साथ इंसाफ के लिए थाने पहुंच गई. तब ही ये मामला सामने आया, मुनिया मुंडा के द्वारा की गई शिकायत के मुताबिक, दड़दाग निवासी बिजय मुंडा के रिश्ते की एक युवती उसके घर आई थी. 26 दिसंबर को समाज के लोगों ने बिजय मुंडा के बेटे के साथ लड़की का जबरन विवाह करा दिया. इसके बाद दोनों पक्ष से पैसे की मांग की गई. पैसा नहीं देने पर गांव में किसी से भी बातचीत करने पर पाबंदी लगा दी गई. वही सरकारी कुएं और चापानल से भी पानी लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. समाज से बहिष्कार किए जाने पर पीड़ित परिवार काफी घबरा गये थे, काफी कोशिश मामले को सलटाने के लिए किया गया. इधर पुलिस की कार्रवाई नहीं करने से भी काफी निराशा थी.
फिलहाल ओरमांझी थाना पुलिस इस मामले को देख रही है. थाना प्रभारी परमेश्वर उरांव के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है. आधार कार्ड में युवती बालिग है. अब पीड़ित परिवार को पानी के लिए न कोई परेशान करेगा औऱ न ही आर्थिक दंड लगायेगा.
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