धनबाद(DHANBAD) : मात्र 24 वोट से विधायक बनाने का रिकॉर्ड धनबाद के टुंडी विधानसभा क्षेत्र के खाते में दर्ज है. यह रिकॉर्ड 1985 में बना, लेकिन अब तक बरकरार है. 1985 में सत्यनारायण दुदानी ने मजदूर नेता उदय कुमार सिंह को मात्र 24 वोट से पराजित किया था, धनबाद जिला के विधानसभा में यह रिकॉर्ड अभी भी बना हुआ है. यह टूटा नहीं है. टुंडी विधानसभा क्षेत्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गढ़ था. अभी भी वहां संघ के कार्यक्रम चलते है. लेकिन 1980 के दशक में यह टुंडी झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ बन गई. लोग बताते हैं कि 1980 में पहली बार झामुमो ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. झामुमो के विनोद बिहारी महतो ने कांग्रेस के नवरंगदेव सिंह को पराजित किया था.
पढो और लड़ो का नारा दिया था विनोद बिहारी महतो ने
विनोद बिहारी महतो झारखंड के पुरोधा थे. झारखंड अलग राज्य आंदोलन में भी उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी रही. शिबू सोरेन और एके राय के साथ मिलकर उन्होंने धनबाद में ही झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन में भागीदारी निभाई थी. बाद में एके राय की राह अलग हो गई. लेकिन विनोद बाबू झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ जुड़े रहे. यह अलग बात है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में उनके परिवार के कोई सदस्य चुनाव मैदान में नहीं है. 2014 में आजसू के टिकट पर उनके पुत्र टुंडी से चुनाव जीते थे. इसके पहले 1977 में शिबू सोरेन टुंडी से निर्दल चुनाव लड़े थे और हार गए थे.
1977 में टुंडी से ही हारने के बाद ही शिबू सोरेन दुमका की ओर रुख किया
1977 में टुंडी से हारने के बाद ही शिबू सोरेन दुमका की ओर रुख किया और अपने राजनीतिक जमीन को विस्तार दिया. 1977 के बाद फिर वह टुंडी से चुनाव लड़ने नहीं आये. वैसे तो 2000 में झारखंड बिहार राज्य से अलग हो गया. झारखंड बनने के बाद पहला विधानसभा चुनाव 2005 में हुआ था. लेकिन 1985 में टुंडी ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया, जिसकी आज भी लोग चर्चा करते है. 1985 में जितने और हारने वाले दोनों नेता अब इस दुनिया में नहीं है. लेकिन उनकी चर्चा आज भी होती है. अभी चुनाव का माहौल है, ऐसे में यह चर्चा अधिक की जाती है. धनबाद के 6 विधानसभा क्षेत्र में अभी टुंडी ही ऐसा है, जहां से झामुमो के विधायक है. धनबाद, निरसा, सिंदरी और बाघमारा से भाजपा के विधायक हैं तो झरिया से कांग्रेस की पूर्णिमा नीरज सिंह विधायक है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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