गुमला(GUMLA):गुमला जिला के कई इलाकों में खेत के आसपास पानी की सुविधा होने के बाद भी ग्रामीण खेती नहीं कर रहे हैं और जिले से पलायन कर रहे हैं, जो निश्चित रूप से चिंता का विषय है, अब इसके पीछे किसानों का खेती के प्रति उदासीन रवैया है, या कुछ और जांच की बात है.जबकि इस जमीन पर दूसरे जिले से आकर किस मेहनत करके सब्जी की खेती करने में लगे है.ऐसे तो आमतौर पर यह बातें सामने आती है कि किसानों को सही रूप से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने की वजह से किसान अपनी जमीन पर खेती नहीं कर पाता है और पलायन के लिए मजबूर हो जाता है, लेकिन वहीं दूसरी ओर कुछ किसानों की लापरवाही की वजह से किसान की खेती नहीं हो पाती है.
किसानों का इस तरह खेती से दूर होना जिला कृषि विभाग दुर्भाग्यपूर्ण मानता हैं
वहीं किसानों का इस तरह खेती से दूर होना और पलायन को उचित विकल्प समझना जिला कृषि विभाग के पदाधिकारी भी दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं, उनका स्पष्ट कहना है कि किसानों को हर तरह की सुविधा विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन सिंचाई की सुविधा नहीं हो पाने की वजह से अधिकांश किसान खेती नहीं कर पाते हैं, लेकिन जिन किसानों के खेत के पास सिंचाई की सुविधा है, यदि वह खेती नहीं कर रहे हैं तो ऐसे में समझा जा सकता है कि किसान मेहनत करने से भागना चाहता है, वहीं किसान दूसरे राज्यों में जाकर इट्ट भट्टों सहित अन्य स्थानों पर काम करके अपना जीवन यापन कर रहे है. जो चिंता का विषय है.
ऐसे किसानों को पलायन करने की बजाय अपनी जमीन में खेती करने का प्रयास करना चाहिए
आपको बताये कि किसान अपनी खेती में पूरी तरह से लग सके इसको लेकर राज्य सरकार और कृषि विभाग की ओर से हर तरह की सुविधा दी जाती है, बावजूद इसके कुछ किसानों की लापरवाही की वजह से खेत के समीप सिंचाई सुविधा होने के बावजूद खेत वीरान पड़े हुए हैं. जो चिंता के विषय है, ऐसे किसानों को पलायन करने की बजाय अपनी जमीन में खेती करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके.
रिपोर्ट-सुशील कुमार
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