रांची (RANCHI): झारखंड और विश्व भर में प्रसिद्ध चित्रकार उज्जवल घोष का आज निधन हो गया. बता दें कि वह कई माह से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे. उनका इलाज रांची के डॉ एके वैद्य के पास चल रहा था. उन्होंने आज हजारीबाग में अपनी अंतिम सांस ली. मिली जानकारी के अनुसार उज्जवल घोष मदद के लिए काफी लोगों से गुहार लगा रहे थे. दरअसल वे अपने बिमारी से काफी परेशान थे. उन्होने परिजनों ने बताया कि इलाज कराने के लिए हर माह करीब 80 हजार रुपए जुटाना पड़ता था. वहीं आपकों बता दें कि उनके घर में कमाने वाले में एकमात्र सदस्य उनकी पत्नी भावना घोष हैं. वह हॉलीक्रॉस स्कूल में शिक्षिका हैं. उनका इकलौता बेटा फिलहाल प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा है.
चार साल में लिखी ट्रेडिशन आर्ट औऱ क्राफ्ट्स ऑफ झारखंड की पुस्तक
बीमार हालत में भी उज्ज्वल घोष ने बिना कलम के एक पुस्तक लिखी है. इस पुस्तक को लिखने में उन्हें चार साल लगे. यह पुस्तक उन्होंने फॉल्क, ट्रेडिशन आर्ट और क्राफ्ट्स ऑफ झारखंड पर लिखी है. इसमें बौद्ध धर्म का प्रभाव, वेणुशिल्प, बिहार की लोक कला, जापान की यात्रा और यूनिस्को सेमिनार, टेक्सटाइल डिजाइन, महारथी का व्यक्तित्व समेत कई रचनाओं को समाहित किया है. यह जानकारी मिली है कि वह बेसब्री से इस पुस्तक के प्रकाशन का इंतजार कर रहे थे.
कई अवार्ड से किया गया सम्मानित
उज्ज्वल घोष ने अब तक हजारीबाग, देवघर, रांची, जमशेदपुर, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद, पटना, उज्जैन, ग्वालियर, ओडिशा समेत कई जगहों पर पेंटिंग कैंप लगाए थे. वह राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार, कला समुद्र सम्मान, कला गुरु बटेश्वरनाथ श्रीवास्तव स्मृति सम्मान, लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड आदि से नवाजे जा चुके हैं. फिलहाल वह शैल लेख झारखंड और शिल्पकला परिषद के सचिव का दायित्व निभा रहे थे.
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