चाईबासा(CHAIBASA): झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की पहले और दुसरे चरण के चुनाव खत्म हो चुके है.सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम मशीन में कैद हो चुकी है.अब बस इंतिजार है तो बस कल 23 नवंबर की, जब ईवीएम का पीटारा खुलेगा, और परिणाम सबके सामने आयेंगे.सभी प्रत्याशियों की दिल की धड़कने तेज है, सभी को अपनी जीत हार का डर सता रहा है. वहीं चुनाव के परिणाम को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां और समर्थक जीत हार का आकलन करने में जुटे हुए है .वहीं बात कोल्हान के सीटों की करें, तो चाईबासा और मनोहरपुर को छोड़ कर बाकि तीन विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवारों की वजह से दोनों गठबंधनों के प्रत्याशी में टफ फाइट माना जा रहा है. वहीं एक ही नारा- हेमंत दोबारा कल्पना सोरेन के इस नारा को जनता साकार करेगी, या नहीं इसकी चर्चा राजनीतिक दलों के साथ साथ जनता के बीच जोरों पर हो रही है.
24 घंटे में हो जायेगा हार जीत का खुलासा
अब किस एक्जिट पोल पर जनता का मोहर लगने वाली है.24 घंटे में सभी के एग्जिट पोल की सच्चाई सामने आ जाएगी.झारखंड की जनता ने किसे राज्य की बागडोर सौंपने जा रही है. सबकी नजर निर्दलीय उम्मीदवार पर टिकी है. झारखंड में लगभग पंद्रह सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार NDA और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के लिए मुसीबत बन कर खड़ी है. किस उम्मीदवार को विधानसभा पहुंचाने और रोकने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. अब से मात्र 24 घंटे रह गए हैं. कोल्हान की अधिकांश सीट पर निर्दलीय प्रत्याशियों की वजह से मुकाबला टफ हो गया है,यानी कांटे की टक्कर है. सरायकेला के ईचागढ़, खरसावां और सरायकेला विधानसभा में JKLM के प्रत्याशी ने दोनों गठबंधनों के प्रत्याशी की नींद हराम करने का रोल निभाया है.वहीं पूर्वी सिंहभूम में जुगसलाई विधानसभा में JKLM के प्रत्याशी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. जिसकी वजह से राम चंद्र सहिष की जीत पर संशय बना हुआ है.
बागी प्रत्याशियों की वजह से बिगड़ सकती है इन प्रत्याशियों की किस्मत
वहीं विधानसभा में बीजेपी के शिव शकर सिंह के बागी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने से पूर्णिमा दास की जीत पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है.विशेष कर सिंहभूम संसदीय सीट के पांच विधानसभा सीटों पर गौर करने से निर्दलीय उम्मीदवार दोनों गठबंधनों के प्रत्याशी का खेल बनाते और बिगाड़ते नजर आ रहे हैं. सबसे पहले जगन्नाथपुर विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार मंगल सिंह बोबोंगा के चुनाव मैदान पर डटे रहने से कांग्रेस प्रत्याशी सोनाराम सिंकु और गीता कोड़ा के बीच जहां चुनाव रोचक हो गया है. वही कड़ा मुकाबला दोनो प्रत्याशी के बिच है.अब सवाल उठने लगा है कि मंगल सिंह बोबंगा गीता कोड़ा या फिर कांग्रेस प्रत्याशी सोनाराम सिंकु को विधानसभा भेजने में कारगार होगें यह तो कल ही पता चलेगा,लेकिन जो भी हो काफी मजबूत और कांटे की टक्कर दे रहे है.सोनाराम सिंकु और उनकी जीत निश्चित बताया जा रहा है.
चौथी बार जीत की ओर आगे बढ़ते नजर आ रहे है दीपक बिरुआ
वहीं मझगांव विधानसभा में आदिवासी किसान मजदूर पार्टी के उम्मीदवार माधव चंद कुकल के रेस में शामिल होने के चर्चा से झामुमो के प्रत्याशी निरल पूर्ति को हैट्रिक करने से रोकने और भाजपा प्रत्याशी बड़कुंवर गगराई को फिर से एक बार विधानसभा में पहुंचाने का काम होता दिख रहा है.चाईबासा विधानसभा में जॉन मिरन मुंडा का नामांकन रद्द हो जाने से झामुमो के प्रत्याशी दीपक बिरुआ चौथी बार विद्यायक बनने के लिए जनता का आशीर्वाद मिलता नजर आ रहा है.चक्रधरपुर विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार विजय सिंह गगराई एक मजबूत प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान पर डटे हुए हैं, जिसकी वजह से झामुमो के प्रत्याशी सुखराम उरांव को बड़ा नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है.इससे स्पष्ट हो रहा है कि भाजपा उम्मीदवार की जीत की संभावना वयक्त की गई है.मनोहरपुर विधानसभा में JKLM के प्रत्याशी अपना जलवा दिखा पाने में सफल नहीं रहे हैं, साथ ही अन्य प्रत्याशी फैक्टर नहीं बन पाने से जोबा मांझी अपने पुत्र जगत मांझी को विधानसभा पहुंचाने में सफल होती नजर आ रही है.
रिपोर्ट-संतोष वर्मा
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