रांची(RANCHI): अगर किसी की पुलिस लॉकअप में मौत हो जाए तो सवाल पुलिस महकमे पर खड़ा होगा ही. कुछ ऐसा ही उत्पाद विभाग परिसर में शनिवार को हुआ. उत्पाद विभाग चार लोगों को हिरासत में लेकर उत्पाद भवन गई थी. लेकिन तीन लोगों को छोड़ दिया गया, और देर शाम निटेश ने फंदे से झूल कर जान दे दिया. इस मामले में शनिवार से ही परिजन सड़क पर इंसाफ की मांग कर रहे है. पहले दिन सदर अस्पताल में हंगामा और सड़क जाम फिर बुधवार यानि आज लालपुर चौक पर लोहरा समाज के लोगों ने सड़क जाम कर दिया. सड़क जाम कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई. बूढ़ी मां सवाल पूछ रही है कि आखिर अब किसके भरोसे रहेंगे. नौजवान भाई बता रहा है कि दस हजार रुपये की मांग की थी लेकिन उनके पास पैसा नहीं था पैसा कहाँ से देते.
परिजनों ने कहा कि पुलिस पर से अब भरोसा उठ गया है.उनके भाई को टॉर्चर किया गया है,जिस वजह से जान गई है. उत्पाद विभाग की ओर से 10 हजार की मांग की जा रही थी. उनके पास सात हजार रुपये थे लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात ना सुनी. जब पैसा लेने घर पहुंचे तब तक खबर मिली की उनके भाई की जान चली गई. वहीं मां ने कहा कि उनके बेटे की हत्या कर दी गई है. पैसा नहीं दिया तो वह वापस जिंदा नहीं लौट सका.
बता दे कि आदिवासी लोहार समाज रांची जिला समिति के बैनर तले रांची के लालपुर चौक जाम कर दिया. परिजन लगातार उत्पाद विभाग के कर्मियों पर आरोप लगा रहे हैं कि उत्पाद विभाग के द्वारा चंद पैसों की वजह से नितेश कुमार को काफी ज्यादा टॉर्चर किया गया था और बाद में उसे मार दिया गया. वहीं परिजनों के द्वारा रांची के लालपुर चौक को चारों तरफ से जाम कर दिया गया. गुहार लगाते हुए कह रहे मेरे भाई को उत्पाद विभाग के द्वारा मारा गया है. चंद पैसों के लिए. हमें इंसाफ चाहिए और जल्द से जल्द उत्पाद विभाग के कर्मियों को गिरफ्तार किया जाए. नहीं तो फिर उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे .
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