दुमका (DUMKA): दुमका में भाजपा की गुटबाजी और कार्यकर्ताओं की नाराजगी थमने का नाम नहीं ले रहा है. लोकसभा चुनाव में दुमका सीट पर बीजेपी की हार के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी और बढ़ गयी है. चुनाव परिणाम को लेकर सोशल मीडिया पर वार प्रतिवार चल ही रह है. अब यह नाराजगी पार्टी की आंतरिक बैठक से भी बाहर निकलने लगा है. इसकी एक बानगी शनिवार को देखने को मिली जब दुमका लोकसभा सीट पर पार्टी की हार की समीक्षा करने पहुँचे बीजेपी के प्रदेश स्तरीय नेताओं को भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा.
प्रदेश स्तरीय नेताओं को भी झेलनी पड़ी कार्यकर्ताओं की नाराजगी
दुमका के अग्रसेन भवन में बीजेपी के जिला स्तर से मंडल स्तर तक के कार्यकर्ताओं से पार्टी प्रत्याशी की हार की वजह और नये सुझावों से रूबरू होने के लिए पहुँचे पार्टी के प्रदेश महामंत्री एवं राज्य सभा सांसद आदित्य साहू और बाल मुकुंद सहाय को कार्यकर्ताओं की नाराजगी एवं आक्रोश का सामना करना पड़ा. कार्यकर्ताओं ने हार की कई वजह बतायी और पार्टी के कुछ नेताओं की कार्यशैली पर सवाल भी उठाया. जिसके बाद बैठक के दौरान हंगामा शुरू हो गया.
हंगामा के दौरान आयी हाथापाई की नौबत!
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जोरदार हंगामे के बाद धक्का मुक्की और हाथा पायी तक कि नौबत आ गयी. कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए ना केवल बीजेपी के स्थानीय स्तर के नेता बल्कि प्रदेश स्तरीय नेता को भी हस्तक्षेप करना पड़ा. काफी देर बाद हंगामा शांत हुआ. उसके बाद प्रदेश महामंत्री एवं राज्य सभा सांसद आदित्य साहू और बाल मुकुंद सहाय ने बंद कमरे में कार्यकर्ताओं से मिल कर सभी से बात कर नाराजगी की वजह जानी और सुझाव भी मांगा.
प्रदेश स्तरीय नेताओं ने दी सफाई
इस पर सफाई देते हुए प्रदेश महामंत्री एवं राज्य सभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं की विचारधारा जनता की सेवा करना है. चुनाव हारने के बाद थोड़ी नाराजगी कार्यकर्ताओं की होती है और उन नाराजगी को दूर करने का काम बीजेपी करती है. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान इंडी गठबंधन के नेताओं ने बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार किया. गलत और झूठे वायदे कर जनता को झांसा दिया और अब जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं से पूछना चाहिए कि 8500 रूपये इंडी गठबंधन ने चुनाव के समय देने का जो वायदा किया था, वो कहाँ है.
वहीं सारठ से बीजेपी विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि इंडी गठबंधन बीजेपी के खिलाफ जनता के बीच तथ्य विहीन मुद्दों को लेकर गयी और संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने का दुष्प्रचार किया जिसकी वजह से जनता इंडी गठबंधन के झूठे बहकावे में आ गयी लेकिन आनेवाले विधानसभा चुनाव में इंडी गठबंधन को बीजेपी करारा जवाब देगी.
पार्टी गुटबाजी समाप्त करने के लिए करे पहल, नहीं तो विधानसभा चुनाव में भी बेहतर परिणाम की ना करे अपेक्षा
प्रदेश स्तरीय नेता भले ही सफाई देकर स्थिति को सामान्य बताने की कोशिश करे, लेकिन हकीकत यही है कि यहां भाजपा कई गुटों में बंटी है, जिसका परिणाम लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी सीता सोरेन की पराजय के रूप में सामने आया. निकट भविष्य में झारखंड में विधान सभा चुनाव होना है. समय बहुत कम है. अगर अभी भी पार्टी आलाकमान पहल कर गुटबाजी को समाप्त नहीं करता तो विधान सभा चुनाव में भी बेहतर परिणाम की अपेक्षा बेमानी ही होगा.
रिपोर्ट. पंचम झा
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