रांची (RANCHI) : देश का गौरव एचईसी अब बंद होने के कगार पर है. 18 माह से वेतन नहीं मिलने पर सभी कर्मचारी बीना वेतन के काम कर रहे हैं. लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. लेकिन अब एचईसी अपनी बदहाली स्थिती को देखते हुए कर्मचारियों को एकजुट कर दिल्ली के लिए रवाना हो गए है. जहां सभी कर्मचारी दिल्ली के जंतर-मंतर औऱ एचईसी मुख्यालय के पास प्रदर्शन करेंगे. दिल्ली रवाना होने से पूर्व हटिया रेलवे प्लेटफार्म पर चंद्रयान का कट आउट लिए हुए सभी कर्मी नजर आए औऱ सभी ने केंद्र के खिलाफ अपना आक्रोश जताया.
पूरे देश को बताएंगे एचईसी के साथ क्या हो रहा
पूछताछ के दौरान श्रमिक संगठन के सदस्य भवन सिंह ने बताया कि 21 सितंबर को सभी कर्मी एक जुट होकर जंतर-मंतर में प्रदर्शन करने की तैयारी में है. इस लिए एचईसी के सभी संगठन एकजुट होकर दिल्ली के लिए रवाना हो रही है. साथ ही उनका कहना है कि एचईसी मदर इंडस्ट्री होते हुए कई इंडस्ट्री को जन्म दिया, सभी कंपनियां इस फल-फूल रहे हैं. लेकिन उसे स्थापित करने वाला अपना अंतिम सांस गिन रहा है. इसके बावजूद भी एचईसी के पुनर्थान के लिए कोई भी काम नहीं किया जा रहा है. इस लिए हम जंतर-मंतर के माध्यम से पूरे देश को बताएंगी कि एचईसी के साथ क्या हो रहा है.
पब्लिसिटी करने में व्यस्त है केंद्र की सरकार
वहीं कमल ठाकुर ने बताया कि चंद्रयान 1-2 का लॉन्चिंग पैड बनाने का काम किया है. लेकिन इसके बावजूद भी हमे 18 से 22 महीने तक वेतन नहीं दियागया है, हालत ये है कि कई कर्मचारी आत्महत्या करने की तैयारी में है. साथ ही कर्मियों ने बताया कि वर्तमान की सरकार को केवल अपनी पब्लिसिटी करने से मतलब है. देश की समस्या से इस सरकार को कोई मतलब नहीं है. जिस एचईसी को मदर प्लांट के लिए बनाया गया था. जो देश में रोजगार पैदा करेगी. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक अभियान छेड़ रखा है. उस अभियान के अंतरगत आज स्थिति ऐसी हो गई है एचईसी का की एचईसी के पास वर्क तो है लेकिन काम करने का पैसा नहीं है. यहां के मजदूर भूखे पेट रह कर चंद्रयान- 2 का लॉन्चिंग पैड बनाते है. इसके बावजूद भी 18 महीने से पेमंट नहीं होता है. लेकिन मोदी सरकार को इत सब से कुछ लेना देना नहीं है. उन्हें तो बस अपनी पब्लिसीटी करनी है.
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