सरायकेला(SARAIKELA):चांडिल वन क्षेत्र के अधीन नीमडीह थाना क्षेत्र में दर्जनों गांव हाथी प्रभावित गांव बन गया है. जहां 12 महीना हाथियों का झुंड गांव के आसपास जंगल में डेरा डाला हुआ है. वन विभाग द्वारा उस गांव को अबतक एलिफेंट जोन घोषित नही किया गया है . न ही चिन्हित किया गया. जहां हाथियों का झुंड विचरण की ओर रहते है.
क्या है पूरी घटना
सरायकेला जिला के नीमडीह थाना क्षेत्र के ओड़िया पंचायत के ओड़िया गांव में बीते रात्रि 12 बजे भोजन की तलास हाथी की झुंड ने भागीरथ महतो की घर को तोड़ा . किसान की घरों को निशाना बना कर खापड़े ओर अल्बेस्टर की घरों क्षत्रि ग्रस्त किया साथ ही घर में रखे अनाज को अपना निवाला बनाया ।इस घर के अंदर भागीरथ महतो आपने परिवार के साथ रात्रि में सोए हुए थे . खापडे ओर अल्वेस्टर टूटने की आवाज सुनने के बाद भागकर दूसरे घरों भागकर आपने और परिवार की जाने बचाया . मिट्टी बने दीवार विशाल हाथी की एक ही पहार टूटने लगता है।दीवार गिरने से पहले भागकर जाना बचाया नही तो दीवार दब जाने से जाने या घायल हो जाते. इस घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ लगने लगा ।इस क्षेत्र के ग्रामीण केसे आपने और परिवार की सुरक्षा के लिए मशाल , लाइट, टॉच की प्रयोग करके हाथी भागते हे. दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी चांडिल और पश्चिम बंगाल से पहुंचे हाथी झुंड ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में आतंक और दहस्त मचा कर रखा है।हाथी दिन के उजाले में गांव में प्रवेश कर जाते ओर उपद्रव करते है . केंद्र सरकार ओर राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रुपया वन एवं पर्यावरण विभाग को मुहैया करते हे।जंगल में पोष्टिक भोजन और पानी की तलास में सेंचुरी छोड़कर वन्य जीवजंतु गांव के आसपास छोटे बड़े जंगल में डेरा डाला हुआ है .
वन विभाग के साथ हुई अभद्रता
सूत्र के अनुसार बीते 11 जुलाई को गांव हेसालॉग में चांडिल वन क्षेत्र के वनपान व वन रक्षित से ग्रामीणों द्वारा अभद्र व्यवहार होने के कारण वन विभाग के कर्मी में नाराजगी देखा गया ।विभाग के लोगो का कहना है . हाथी बन विभाग का नही हे।हम लोग ग्रामीणों के हाथी से सुरक्षा देने के लिए , सूचना मिलते ही,एलिफेंट ड्राइव टीम लेकर पहुंच जाते हे . ओर हाथी की झुंड को मेरा टीम द्वारा ड्राइव करके पश्चिम बंगाल के पूरूलिया जिला के अयोध्या पहाड़ की ले जाते . जो मेरा क्षेत्र से हाथी की झुंड पहुंच जाए .
रिपोर्ट बीरेंद्र मण्डल
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