पलामू(PALAMU): रविवार की शाम आयी आंधी के बाद से हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में बिजली आपूर्ति नहीं के बराबर हो रही है. समस्या को देखते हुए स्थानीय विधायक कमलेश कुमार सिंह ने जेबीवीएनएल के चेयरमैन केके वर्मा से बात की. उन्हें वस्तु स्थिति की जानकारी दी. चेयरमैन ने कहा कि रविवार की शाम आईं तेज आंधी में लहलहे -भागोडिह सेंट्रल ट्रांसमिशन लाइन का चार टावर गढ़वा के डंडा प्रखंड के चौरसिया टोला के पास ध्वस्त हो गया है. जिसे खड़ा करने में एक महीने का समय लग सकता है. उन्होंने विधायक को बताया कि टावर गिरने की वजह हुसैनाबाद समेत पलामू गढ़वा के कई हिस्सों में बिजली का घोर संकट उत्पन्न हो गया है. हुसैनाबाद की बिजली व्यवस्था में सुधार को लेकर जेबीवीएनएल के अधिकारियों से विधायक ने वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की.अधिकारियों ने बताया कि टावर बन जाने तक समस्या से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का प्रयास किया जा रहा है. मंगलवार रात से कुछ सुधार होने की संभावना है.
भागोडिह पावर ग्रिड से पूरे गढ़वा व पलामू के कुछ हिस्सों में होती है बिजलीआपूर्ति
शनिवार की शाम आयी तेज आंधी में बिजली व्यवस्था चरमराने के बाद रविवार की शाम तक बिजली आपूर्ति की तैयारी चल ही रही थी. इसी बीच रविवार की शाम गढ़वा जिले के भागोडिह सेंट्रल ट्रांसमिशन लाइन के चार बड़े टावर ध्वस्त होने की जानकारी अधिकारियों को मिली. इस कारण घंटों से बिजली की उम्मीद लगाये हुसैनाबाद वासियों को संकट में डाल दिया है. बताया जा रहा है कि उसे ठीक होने में एक महीना से अधिक का समय लग सकता है. ऐसे में पूरी गर्मी में लोगों को इस परेशानी का सामना करना पड़ेगा. जानकारी हो की पलामू के लहलहे सेंट्रल ट्रांसमिशन लाइन 220 केवीए गढ़वा के भागोडिह में पहुंचा है. वहां से 1.32 लाख केवीए बनकर रेहला के बी मोड़ पहुंचता है. जिससे 33 हजार केवीए से हुसैनाबाद समेत पलामू गढ़वा को आपूर्ति की जाती है. बताया जा रहा है कि वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में उतर प्रदेश के रिहंद और बिहार के सोननगर से बिजली लेनी पड़ेगी. इसके बावजूद पलामू व गढ़वा के जरूरत के अनुसार बिजली नहीं मिल पायेगी. जानकारी के अनुसार सोननगर से मिलनेवाली बिजली रेहला बी मोड़ से रेलवे को दी जाती है. एक दो मेगावाट कुछ घ्ंटो के लिये बिजली मिल सकती है. जिससे रोटेशन के अनुसार पूरे पलामू व गढ़वा जिले में एक दो घंटे के लिये बिजली मिल सकती है.
मई 2023 में भी ध्वस्त हुआ था टावर
वर्ष 2023 में आंधी में गढ़वा के मेढ़ना ट्रांशमिशन लाइन का दो टावर ध्वस्त हो गया था. जिसे ठीक होने में तीन महीना लग गया था. तथा अगस्त 2023 में बिजली की आपूर्ति बहाल की जा सकी थी. जबकि इस बार चार टावर गिरा है और विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक माह लग सकता है. विभागीय अधिकारियों ने इस संबंध में बताया कि रविवार की शाम पुन: आयी आंधी में लहलहे -भागोडिह सेंट्रल ट्रांसमिशन लाइन का चार टावर गढ़वा के डंडा प्रखंड के चौरसिया टोला के पास ध्वस्त हो गया है. जिसे खड़ा करने में एक महीने का समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के लिये रिहंद और सोननगर से गिजली की व्यवस्था की जा रही है. जिससे रोटेशन के आधार पर घंटा दो घंटा के लिये बिजली देने का प्रयास किया जायेगा. ताकि पेयजल की संकट को दूर किया जा सके.
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