धनबाद(DHANBAD) : पशुचारे और आहार के दाम आसमान छू रहे है. पहले एक मवेशी के रखरखाव में रोज लगभग 250 रूपए का खर्च आता था. लेकिन अब खर्च बढ़कर 500 रूपए तक पहुंच गया है. ऐसे में खटाल का व्यवसाय महंगा सौदा हो गया है. संचालकों की मानें तो बहुत से लोग धंधे समेट लिए हैं और धनबाद-झरिया से कहीं दूर चले गए है. स्थिति और न बिगड़े और लोगों को दूध उपलब्ध हो, इसके लिए हम लोग परेशानी झेल कर भी इस व्यवसाय से हटना नहीं चाहते है. यह कहना है झरिया के खटाल संचालकों की.
दस रुपये प्रति लीटर का हुआ इजाफा
झरिया के खटाल संचालकों ने पहली दिसंबर से गाय और भैंस के दूध में प्रति लीटर 10 रुपए का इजाफा करने का निर्णय ले लिया है. पहली दिसंबर से अब झरिया के लोगों को 55 रुपए प्रति लीटर गाय और 70 रुपए प्रति लीटर भैंस का दूध मिलेगा. संचालकों का कहना है कि पहले चोकर ₹900 प्रति बोरा मिलता था लेकिन अब इसकी कीमत 1500 रुपए प्रति बोरा हो गई है. चारे में भी इसी तरह बेतहाशा वृद्धि हुई है. हमलोग करे भी तो क्या करे. अभी हाल ही के दिनों में पैकेट दूध कंपनियो ने भी दाम में इजाफा किया है. खटाल से दूध में परेशानी होने के कारण लोगों का झुकाव पैकेट बंद दूध की ओर हुआ जरूर है, लेकिन जिनके घरों में छोटे-छोटे बच्चे हैं ,उनके लिए गाय का दूध जुगाड़ करना जरूरी हो जाता है.
नींद में खलल डाल कर सुबह-सुबह पहुंचते है खटाल
लोग अपनी नींद में खलल डाल कर सुबह-सुबह खटाल पहुंच जाते हैं और सामने मवेशियों को दुहता देख दूध लेकर घर आते है. बच्चों की खातिर इतनी तकलीफ भी उठाते हैं लेकिन अब यह दूध भी पैकेट बंद दूध से महंगा हो गया. यह बात भी सही है कि मवेशियों के चारे और आहार की दर में काफी तेजी आई है. खटाल चलाना बहुत फायदे का धंधा नहीं रह गया है, वही लोग यह काम कर रहे हैं जिनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. धनबाद में भी गाय का दूध 45 से ₹50 प्रति लीटर मिल रहा है, लेकिन जिस हिसाब से पशु आहार की कीमत में वृद्धि हो रही है और लोगों का व्यवसाय से मोहभंग हो रहा है, उससे तो लगता है कि आने वाले दिन में अब लोग दूध पिएंगे नहीं बल्कि दूध का टीका कर संतोष करेंगे.
रिपोर्ट: शांभवी, धनबाद
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