धनबाद(DHANBAD): धनबाद में रहकर "रिमोट" से बिहार के सोन नदी से "सोना" निकालने वाले धनपशु परेशानी में है. एक-एक कर पटना के बेउर जेल पहुंच रहे है. उन्हें क्या मालूम था कि सोन नदी का "सोना" उनको सलाखों तक पहुंचा देगा.ताजा गिरफ्तारी कोयलांचल के कोयला किंग रहे स्वर्गीय सुरेश सिंह के पुत्र अजय कुमार सिंह की हुई है. इसके पहले पुंज सिंह को भी प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. उसके पहले और भी गिरफ्तारियां हुई थी. धनबाद में रहकर बिहार में बालू घोटाले के मामले में पहली गिरफ्तारी जगनारायण सिंह उर्फ जगन सिंह की हुई थी. उसके बाद गिरफ्तारियों की सूची लंबी होती जा रही है. अजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद तो धनबाद के धनपशु डरे और सहमे हुए है. कोयल का धंधा छोड़कर बालू के धंधे में प्रवेश करने वालों के ऊपर संकट के बादल और गहराने लगे है.
पिछले साल झारखंड के 11 जगहों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी में क्या-क्या कागजात बरामद हुए हैं, किसका लिंक किससे है , यह धीरे-धीरे स्पष्ट हो रहा है. प्रवर्तन निदेशालय साक्ष्य एकत्रित कर रहा है और उसके बाद ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां हो रही है. पुंज सिंह को एक सप्ताह पहले प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. जानकारी के अनुसार पिछले साल 13 सितंबर को एमएलसी राधा चरण सेठ को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद उनके बेटे कन्हैया प्रसाद की गिरफ्तारी हुई. फिर 16 सितंबर "2023 को धनबाद के बालू कारोबारी जगनारायण सिंह उर्फ जगन सिंह और उनके बेटे सतीश सिंह को गिरफ्तार किया गया. उसके बाद धनबाद के मिथिलेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद बबन सिंह और सुरेंद्र जिंदल भी गिरफ्तार किए गए. फिर पुंज सिंह की गिरफ्तारी हुई. आगे की कार्रवाई में कोयला किंग रहे सुरेश सिंह के बेटे अजय सिंह को ईडी ने गिरफ्तार किया है.
कोयलांचल में यह चर्चा तेज है कि अगला नंबर किसका. जिनकी गिरफ़्तारी हुई है , उनमें से कई पहले स्क्रैप का काम करते थे, कुछ कोयले का काम भी करते थे तो किसी का बालू पुश्तैनी धंधा था. इन गिरफ्तारियों से कोयलांचल में इस बात की चर्चा खूब चल रही है कि कौन कारोबारी मकड़ी की जाल की तरह किसके साथ कारोबार कर रहा है,एक चेहरे में कितने चेहरे छुपे हुए है , इसका खुलासा अब होने लगा है. धनबाद के कारोबारी केवल बिहार, बंगाल ही नहीं, बल्कि दूसरे प्रदेशों के कारोबारियों के साथ भी साझेदार है. यह बात अलग है कि पैसा इनका होता है और कारोबार कोई और करता है. कोयले के धंधे की ही बात कर ली जाए तो कोयले में इस तरह के काम खूब होते है. रियल स्टेट के धंधे में भी यह काम चल रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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