रांची(RANCHI): प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने करवाई तेज करती है जमीन के धंधेबाज अफसर हो या माफिया धीरे-धीरे सभी लपेटे में आ रहे हैं. जमीन की फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीद बिक्री का धीरे-धीरे खुलासा होता जा रहा है. सेना की जमीन हो या फिर चेशायर होम रोड के भूखंड का मामला, एक-एक कर रजिस्ट्री से जुड़े अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है.
रजिस्टार वैभव मणि से 10 घंटे तक हुई पूछताछ
सोमवार को रांची के सब रजिस्टार वैभव मणि से पूछताछ की गई. 10 घंटे तक उनसे पूछताछ हुई थी. चेशायर होम रोड में एक भूखंड की कथित फर्जी रजिस्ट्री मामले में उनसे पूछताछ की गई. इधर राजेश राय, भरत और लखन सिंह को ईडी ने संबंध जारी कर 8 मई को बुलाया है. इन सभी से चेशायर होम के साथ अन्य भूखंड की फर्जी रजिस्ट्री के बारे में पूछताछ की जाएगी. मालूम हो कि बरियातू में 4.55 एकड़ सेना की जमीन की फर्जी रजिस्ट्री के मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन से ईडी ने पिछले सोमवार को 10 घंटे तक पूछताछ की थी. उन्हें एक बार फिर 4 मई को बुलाया गया है.
खुल रहे हैं कई राज
इधर सूत्र बताते हैं कि ईडी के पास रांची के कई क्षेत्र में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज मिल गए हैं जिन पर जांच चल रही है और एक-एक कर सभी को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है. पिछले 13 अप्रैल को ईडी द्वारा अंचल कार्यालय के सरकारी कर्मी समेत कुल 7 लोगों को जो गिरफ्तार किया वह सारे राज खोल रहे हैं. इन गिरफ्तार लोगों में से कुछ ने तो जमीन के धंधे में रसूख रखने वाले लोगों के भी नाम बताए हैं. मुख्यमंत्री के प्रेस एडवाइजर उदयशंकर की भूमिका भी परत दर परत खुल रही है. जानकार बता रहे हैं कि जमीन से शुरू हुई यह जांच अब आसमान की ऊंचाइयों पर बैठे सत्तानशीं तक पहुंचने जा रही है. गलत तरीके या नियमों की अनदेखी कर जमीन रजिस्ट्री के मामले में बहुत सारे लोग फंसने वाले हैं. जल्द ही बड़े चेहरे को ईडी पूछताछ के लिए सम्मन जारी करेगी.
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