ECL:"त्रिकोणीय वित्तीय दबाव" में फंसी कंपनी तो क्यों खड़ा हो गया 45453 कर्मचारियों के भविष्य पर संकट !


धनबाद (DHANBAD) : देश ही नहीं, दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया की सहायक कंपनी ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड(ईसीएल ) गंभीर आर्थिक संकट झेल रही है. ईसीएल की कई खदान धनबाद में भी हैं और संथाल परगना में भी है. आखिर ईसीएल के सामने इतनी गंभीर वित्तीय संकट क्यों पैदा हो गई कि कर्मियों को वेतन भुगतान करने में भी परेशानी हो रही है. सूत्र बताते हैं कि काफी हंगामा के बाद हालांकि दिसंबर महीने में वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई है. लेकिन कर्मचारी भविष्य को लेकर चिंतित है. सूत्र बताते हैं कि 30 नवंबर 2025 तक बिजली उत्पादक कंपनियों पर ईसीएल का भारी बकाया हो गया है.
बकाये का सूद में 136 करोड़ से अधिक होने का किया जा रहा दावा
ब्याज भी लगभग 136 करोड़ बन गया है. लगातार बढ़ता बकाया, गिरता कैश फ्लो और वेतन भुगतान में देरी की वजह से कंपनी की पूरी वित्तीय व्यवस्था चरमराती दिख रही है. हालांकि सूत्रों का दावा है कि बकाया नहीं मिलने का सीधा असर ईसीएल के संचालन पर पड़ रहा है. मशीनरी और तकनीकी मेंटेनेंस भी प्रभावित हो रहे है. उत्पादन लक्ष्य से भी कंपनी फिसल रही है. ट्रांसपोर्टरों को भी भुगतान नहीं समय पर मिल पा रहा है. यदि बिजली कंपनियां समय पर भुगतान नहीं करती है, तो खदानों से उत्पादन पर बड़ा असर पड़ सकता है. ईसीएल कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर भी संकट खड़ा हो गया है. वेतन भुगतान में बार-बार देरी हो हो रही है. कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है. बताया जाता है कि यूनियन के दबाव में ही वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई है.
तकनीकी कारणों से कंपनी को बैंक से भी नहीं मिल सकता लोन
कहा जा सकता है कि ईसीएल एक "त्रिकोणीय वित्तीय दबाव" में फंसी हुई है. हालांकि कंपनी प्रबंधन की विफलता भी इसका वजह बताया जा रहा है. मैनेजमेंट सही समय पर कोयला कंपनियों से राशि नहीं वसूल पा रहा है और इस कारण से कई परेशानियां हो रही है. कोल इंडिया की यह सहायक कंपनी झारखंड और पश्चिम बंगाल में कोयला खदानों का संचालन करती है. ईसीएल भी कोयला चोरी और तस्करी के लिए कुख्यात है. ईसीएल के 45453 कर्मचारियों के लिए मासिक वेतन मद 600 करोड़(सकल) और शुद्ध मजदूरी भुगतान लगभग 350 करोड़ है. प्रबंधन अब बैंक से लोन भी नहीं ले सकता,क्योंकि आय–व्यय के बीच असंतुलन लंबे समय से बढ़ रहा है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
4+