दुमका: सोलर कनेक्शन जोड़ने वाले पांच कर्मियों को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, मुखिया की उपस्थिति में हुआ समझौता, वापस की गयी राशि
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दुमका(DUMKA): पहाड़िया गांव में चिन्हित परिवारों को सोलर लाईट, सोलर पंखा और इन्वर्टर निःशुल्क देने की संविदा लेने वाले कंपनी के पांच कर्मियों को गोपीकांदर प्रखण्ड के जोलोचंपा गांव के पहाड़िया समाज के लोगों ने संविदा के आधार पर इस काम को लेने वाले कंपनी के कर्मियों को उस समय बंधक बना लिया. जब कर्मी इनसे कुल मिलाकर 31 हजार रुपये अवैध वसूली कर चुके थे. देर शाम तक ग्रामीण कर्मियों को बंधक बनाये रखे हुए थे. जब मुखिया को इसकी सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के रुपये वापस करवाये जिसके बाद इन कर्मियों को मुक्त किया गया.
जानकारी के अनुसार जरेडा कंपनी जो झारखंड के कई प्रखंडों में ऐसे गांव में सोलर संचालन का कार्य का जिम्मा लिये हुए है जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. बोकारो के अजहर अंसारी जिन्होंने संविदा में लिए गये सोलर कार्य को पूर्ण करने के लिए गोपीकांदर पंचायत के ग्राम जोलोचंपा के 26 आदिम जनजाति पहाड़िया परिवारों की सूची अपने कर्मियों के द्वारा भेजा था. वही उस गांव में कार्य कर रहे कर्मियों के द्वारा 31 हजार रुपया ग्रामीणों से ठगने का मामला सामने आया है. जोलोचंपा गांव प्रखंड मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर जंगल के बीच पहाड़ के चोटी पर स्थित है, जहां पैदल ही जाया जा सकता है. ऐसे में सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं से इस गांव की काफी दूरी बनी रहती है. बहुत मुश्किल से यहां के ग्रामीणों को सरकार का लाभ मिल पाता है. वही इस मामले की सूचना गुरुवार को जब ग्राम जोलोचंपा के प्रधान बाबूराम कुंवर को मिली तो उन्होंने सबसे पहले फोन के माध्यम से पंचायत के मुखिया माइकल हेंब्रम को पूरी जानकारी दी. प्रधान ने बताया कि ग्राम जोलोचंपा में विद्युत व्यवस्था नहीं होने के कारण सरकार द्वारा कुल 28 अनुसूचित जनजाति परिवारों को जरेडा के तहत सोलर कनेक्शन देने की स्वीकृति सूची आई हुई है. जिस संवेदक को यह कार्य मिला है उसके कर्मियों जिसमें..अजहर हक, फुरकान अंसारी, सफ़ीद अंसारी, मजरुल और रफीक अंसारी के द्वारा सभी 28 उपभोक्ताओं से 500 की दर से एवं अन्य 17 जिनका नाम सूची में नहीं है, उनसे 1000 रुपये की दर से राशि लिया गया. इसी वजह से पांचो कर्मियों को देर शाम तक ग्रामीणों ने बंधक बनाये रखा. स्थानीय मुखिया जोलोचंपा गांव पहुंचकर सभी ग्रामीण एवं बंधक बनाए गये कर्मियों के साथ देर रात तक बैठक की और अवैध रूप से वसूले गये रुपये वापस करने की सहमति पर मामले को सुलझाया. मुखिया माइकल हेंब्रम ने बताया कि पंचायत के जोलोचंपा गांव का उन्होंने बिजली व्यवस्था नहीं होने की रिपोर्ट अगस्त 2024 में उन्होंने प्रखंड कार्यालय में दी थी. इस रिपोर्ट के आधार पर जरेडा के तहत यहां 28 परिवारों में से प्रत्येक को सोलर द्वारा चालित दो बल्ब, एक पंखा और एक इनवर्टर आवंटित करने की स्वीकृति दी गई थी. परंतु ग्राम जोलोचंपा में कार्य शुरू होने की सूचना उन्हें नहीं दी गयी. ग्राम प्रधान के द्वारा सूचना मिलने के बाद उन्होंने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया एवं मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता करवा दिया जिसके बाद ग्रामीणों ने बंधक कर्मियों को मुक्त कर दिया. मौके पर रीतियां देहरी, सरस्वती महारानी, फूलमुनि महारानी, जुनू कुंवर, रूपलाल कुंवर सहित सभी लाभुक और ग्रामीण मौजूद थे.
रिपोर्ट: पंचम झा
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