दुमका(DUMKA): दुमका जिला में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एक नवजात परित्यक्त शिशु के दो दो दाबेदार सामने आ गया है. स्थिति को देखते हुए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने नवजात को अपने संरक्षण में लेकर मिशनरीज ऑफ चैरिटी में आवासित कर दिया है. सोशल मीडिया में जिले के रानीश्वर थाना क्षेत्र के गोविंदपुर पंचायत क्षेत्र में एक परित्यक्त नवजात शिशू मिलने की खबर पोस्ट किया गया. जिसपर संज्ञान लेते हुए सीडब्ल्यूसी चैयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार ने चाइल्डलाइन दुमका के केन्द्र समन्वयक को इस नवजात शिशू को समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया था.
पूरा मामला
समिति को ऐसी जानकारी मिली थी कि एक महिला ने ईट भट्टा के पास एक नवजात बच्चे को रोता हुआ पाया और उसे अपने घर ले गयी. समिति को यह भी जानकारी मिली कि महिला एक लाख रुपये में उक्त नवजात बच्चे को बेचना चाह रही है और परिश्चम बंगाल का एक परिवार 50 हजार रुपये के बदले बच्चा उसे देने का डील करने में लगा है. समिति के आदेश पर चाइल्डलाइन द्वारा नवजात शिशु को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया. जिस महिला ने इस शिशु को उठाया था वह तो सामने नहीं आयी बल्कि उसने अपनी सास को आगे कर दिया. चेयरपर्सन डा अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इस मामले की सुनवायी की. उस महिला का बयान दर्ज किया जिसके पास से नवजात मिला. बाद में नवजात बच्चे की मां होने का दावा करते हुए मानसिक रूप से असामान्य प्रतीत होने वाली एक महिला भी समिति के समक्ष प्रस्तुत हुई और नवजात को 13 मार्च को रानीश्वर के सदर अस्पताल में जन्म देने का दावा किया. इस महिला ने बताया कि वह 14 मार्च को बच्चे को लेकर घर चल गयी थी. बाद में उसने बच्चे को ईंट भट्टा के पास छोड़ दिया था. समिति ने दोनों महिलाओं के बयान और उत्पन्न परिस्थितियों के आलोक में नवजात शिशु को अपने देखभाल और संरक्षण में लेने का निर्णय लेते हुए नवजात शिशु को दुधानी स्थिति मिशनरीज ऑफ चैरिटी में आवासित कर दिया है. चाइल्डलाइन दुमका को इस मामले में सामाजिक आर्थिक जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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