दुमका (DUMKA) : झारखंड की उप राजधानी दुमका में लोक आस्था का महापर्व छठ काफी धूमधाम से मनाया जाता है. नहाए खाए के साथ चार दिवसीय पर्व का आज दूसरा दिन है. अर्थात आज खरना है. व्रती पूरे नियम निष्ठा के साथ खाना का प्रसाद तैयार करेंगी. भगवान को भोग लगाने के बाद खुद भी उसे ग्रहण करेंगी और प्रसाद को तमाम लोग ग्रहण करेंगे. दुमका में छठ की तैयारी अंतिम चरण में है. जिला मुख्यालय में एक दर्जन से ज्यादा जलाशयों पर छठ का आयोजन होता है. खूंटाबांध तालाब छठ घाट हो या बड़ा बांध तालाब छठ घाट, या फिर रसिकपुर तालाब सभी जगह तैयारिया अंतिम चरण में है. छठ घाट को बेहतर तरीके से सजाया और संवारा गया है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. छठ के दौरान घाट पर बेहतर लाइटिंग लोगों के आकर्षण का केंद्र होगा.
छठ बाजार के लिए निर्धारित किया गया मैदान
छठ सामग्री की बिक्री के लिए प्रशासनिक स्तर पर यज्ञ मैदान निर्धारित किया गया है. जहां पूजन सामग्री की बिक्री हो रही है और काफी संख्या में लोग वहां पहुंचकर छठ सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं. बाजार में गहमागहमी का माहौल है. खरना और छठ का प्रसाद बनाने में स्वछता और शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है. गेहूं धोने से लेकर उसे पीसने और प्रसाद बनाने तक शुद्धता का ख्याल रखा जाता है. पहले ब्रती द्वारा घर में ही चक्की पर गेहूं पीसा जाता था. आज भी कुछ व्रती इस पर अमल करती है. लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव हुआ. अब लोग आटा चक्की मिल पहुंच कर गेहूं की पिसाई करवाते है. दुमका शहर में कुछ ऐसे आटा चक्की मिल संचालक है जहां गेहूं पिसाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है. मिल संचालक भी छठ महापर्व के मद्देनजर मिल को अच्छे से धोकर साफ करते है और शुद्धता के साथ गेहूं की पिसाई करते है. कल अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया जाएगा और परसों उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ ही महापर्व का समापन होगा.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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