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दुमका (DUMKA): सावन का पवित्र महीना आने में महज कुछ ही दिन शेष है. सावन के महीने में दुमका के बासुकीनाथ में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला का आयोजन होता है. प्रशासनिक स्तर पर मेला की तैयारी युद्ध स्तर पर की जारी है. इस वर्ष बासुकीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालु शिव गंगा के स्वच्छ जल में आस्था की डुबकी लगाकर फौजदारी बाबा पर जलार्पण कर सकेंगे. क्योंकि 7 वर्ष बाद शिव गंगा की सफाई की गई है. शिव गंगा की सफाई के बाद उसमें जल भरने के लिए वर्षा का इंतजार किया गया. लेकिन मौसम की बेरुखी देखते हुए अब डीप बोर के माध्यम से मोटर लगाकर पानी भरा जा रहा है.
आस्था का केंद्र बिन्दु रहे पाताल बाबा
शिव गंगा की सफाई के क्रम में लोगों की आस्था का केंद्र बिंदु पाताल बाबा शिवलिंग या पातालेश्वर नाथ महादेव रहे. लगभग एक महीने तक पाताल बाबा शिवलिंग पर लोगों ने जलार्पण किया. दूर दराज के श्रद्धालु भी शिव गंगा की सफाई सुन कर पातालेश्वर महादेव की दर्शन और पूजन की आश में बासुकीनाथ धाम पहुचने लगे थे. बगैर सावन के ही बासुकीनाथ धाम में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी थी. एक महीने तक दर्शन देने के बाद पाताल बाबा शिवलिंग पाताल में समा गए. अगला दर्शन कब होगा यह तो महादेव ही जाने.
शिवगंगा के मध्य भाग में विराजमान है पातालेश्वर बाबा
दरअसल बासुकीनाथ मंदिर से सटे शिवगंगा में पाताल बाबा शिवलिंग है. सैकड़ों वर्ष पूर्व शिव गंगा की सफाई के दौरान लोगों को इसका पता चला. पातालेश्वर महादेव की महिमा अपरंपार है. शिवगंगा के मध्य भाग में लगभग 15 फ़ीट गहरी कुंड में विराजमान है पातालेश्वर महादेव. कुंड की सतह पर कुछ लिखा हुआ भी है. जब-जब शिव गंगा की सफाई होती है तो पातालेश्वर महादेव की नियमित पूजा अर्चना होती है. पानी भरने से पूर्व जो पूजा होती है वो पूजन सामग्री वर्षों बाद भी यथावत रहती है. शिवलिंग पर रखे बेल्बपत्र का रंग भी फीका नहीं पड़ता. शिवलिंग के चरों तरफ पूजन में प्रयुक्त अबीर गुलाल भी वैसा ही रहता है. शिवलिंग के पास एक जोड़ी लकड़ी की चरण पादुका (खडांव) रखा रहता है. विज्ञान की माने तो लकड़ी का चरण पादुका पानी मे उपला कर बाहर आ जानी चाहिए. लेकिन इसे पातालेश्वर महादेव की महिमा ही कहेंगे कि वो तथावत रखा रहता है. शिवलिंग के समीप रखे त्रिशूल वर्षो तक पानी मे डूबे रहने के बाबजूद जंग तक नहीं लगा है. यह चमत्कार नहीं तो और क्या है? तभी तो सभी इस चमत्कार को नमस्कार करते हैं और नसीब वालों को ही पाताल बाबा का दर्शन होता है.
रिपोर्ट. पंचम झा
Thenewspost - Jharkhand
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