दुमका(DUMKA): झारखंड के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल बाबा बासुकीनाथ धाम में गौशाला ना होने के कारण आए दिन गोवंशीय पशुओं की असमय मौत हो जाती है. यही नहीं सूत्रों की माने तो रात के अंधेरे में गौ तस्करों द्वारा भी मवेशियों को उठा लिया जाता है. आपको बता दे की झारखंड के दुमका जिला में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजन एवं दर्शन को पहुंचते हैं. सावन के महीने में बासुकीनाथ का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. सावन के महीने में बासुकीनाथ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए यहा पहुंचते हैं.
रोज़ाना सड़क पर दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं मवेशी
बासुकीनाथ आनेवाले श्रद्धालु मनोकामना पूर्ति के लिए मवेशियों को मंदिर में छोड़ जाते हैं,लेकिन उन मवेशियों के रख रखाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण अधिकांश पशुओं की मौत सड़क दुर्घटना या अन्य कारणो से हो जाती है.कई बार ऐसा भी देखा गया है कि बीमार पशुओं की मौत चिकित्सा के अभाव में भी हो जाती हैं. हालांकि कि ऐसी स्थिति में स्थानीय युवाओं एवं स्थानीय समाजसेवियों द्वारा घायल या चोटिल मवेशियों का इलाज करवाया जाता है,मगर स्थानीय प्रशासन और सत्ता के नशे में चूर महंगी गाड़ियों में घूमने वाले जनप्रतिनिधियों के उपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
लंबे समय से हो रही है गौशाला की मांग
वर्षों से बासुकीनाथ में गौशाला बनवाने की मांग हो रही है. मगर आज तक यह मांग पूरी नहीं हो सकी जब कि स्थानीय प्रशासन द्वारा वर्षों पहले गोशाला के लिए जगह भी चिंहित किया गया है और उसी जगह पर सावन भादो में गोवंशीय पशुओं को रखा जाता है. हालांकि इस वर्ष कोई व्यवस्था नहीं किया गया था,लेकिन सरकार के उदासीनता के कारण गोशाला नहीं बन सका .आपको बता दे यहां के स्थानीय विधायक बादल पत्रलेख है जो झारखंड सरकार में कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री के पद में है इसके बावजूद भी आज तक बासुकीनाथ में वे गौशाला नहीं बना सके. जबकि गौशाला बनवाने को लेकर स्थानीय पंडा पुरोहितों एवं स्थानीय ग्रामीणों ने भी कई बार गोशाला बनाने के लिए मंत्री और सांसद से गुहार लगा चुके हैं.इन्हें यह तक पता नहीं यहां के पशुओं का क्या हाल है कैसे गोवंशियों को रात के अंधेरे में कुत्ते अपना शिकार बना लेते हैं और मवेशियों को नोच नोच कर खाते हैं कैसे गोवंश दर-दर भटकते हैं.
नेताओं ने वादे निकले झूठे
अगर बात करें स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे की जो 15 सालों से सत्ता में थे उन्होंने भी लोगों को यह आश्वासन दिया था कि चुनाव जीतने के बाद चाहे मुझे सांसद फंड से ही पैसा खर्च क्यों न करना पड़े मैं करूंगा और बासुकीनाथ धाम में गौशाला बनवाऊंगा मगर उनके भी किए गए वादे झूठा साबित हुआ.
रिपोर्ट- सुतिब्रो गोस्वामी
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