दुमका(Dumka) 26 जुलाई की रात केकेएम कॉलेज पाकुड़ के छात्रावास में पुलिस छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प राजनीतिक रूप ले चुका है. सड़क से सदन तक इस घटना की निंदा हो रही है. जगह जगह पुतला दहन का दौर जारी है.
छात्रावास पहुंचे डीआईजी, छात्रों से ली जानकारी
इस सबके बीच सोमवार को संथाल परगना प्रक्षेत्र के डीआईजी संजीव कुमार पाकुड़ पहुंचे और मामले की जांच की. डीआईजी छात्रावास पहुंच कर छात्रों से मिले और घटना की विस्तृत जानकारी ली. पुलिस पदाधिकारियों से जानकारी लेने के उपरांत उन्होंने मीडिया से बातें की.
थाना प्रभारी और एसआई निलंबित, एसआईटी गठित
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच के आधार पर की पाकुड़ टाउन थाना के थाना प्रभारी अनूप रौशन भेंगड़ा और एक एसआई नागेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया गया है. डीआईजी ने बताया कि 26 जुलाई की रात घटना में शामिल पाकुड़ थाना के सभी पुलिसकर्मियों को थाना से हटा दिया गया है. डीआईजी ने कहा कि कानून हाथ मे लेने का अधिकार किसी को नहीं है. अभी विस्तृत जांच चल रही है. इसके लिए एसआईटी का गठन किया गया है. कानून हाथ में लेने का साक्ष्य विस्तृत जांच में मिला तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी होगी.
क्या हुआ अपहृत व्यक्ति का जैसे कई सवाल अनुत्तरित
इस सबके बीच एक सवाल अनुत्तरित रह जा रहा है. दरअसल घटना के बाद पाकुड़ पुलिस द्वारा जारी एक रिलीज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उल्लेख था कि किसी व्यक्ति के अपहरण की सूचना पुलिस को मिली थी. अपहृत व्यक्ति के मोबाइल नम्बर के आधार पर उसकी खोज बीन करने गश्ती दल छात्रावास पहुचीं थी, जहां पुलिस औऱ छात्रों के बीच झड़प हो गयी. ऐसे में सवाल उठता है कि किसका अपहरण हुआ था, क्या छात्रावास में अपहृत व्यक्ति मिला, अगर मिला तो उसे सामने लाना चाहिए और अगर नहीं मिला तो फिर फिर यह माना जाए कि वो आज भी अपहर्ता के चंगुल में है और अगर सचमुच अपहर्ता के चंगुल में है तो फिर पाकुड़ पुलिस उसे मुक्त क्यों नहीं करवा पा रही है? ऐसे कई सवाल है जिसका जबाब नहीं मिल पा रहा है. वैसे जब इस मामले में मीडिया कर्मियों ने डीआईजी से सवाल किया तो उन्होंने मामले की विस्तृत जांच चल का हवाला देकर टाल दिया.
ज्ञात हो कि केकेएम कॉलेज पाकुड़ के छात्रावास में 26 जुलाई की रात आदिवासी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी जिसमें कई छात्र और पुलिसकर्मी घायल थे.
रिपोर्ट: पंचम झा
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