रांची (RANCHI): राज्यपाल सह रांची विश्वविद्यालय के चांसलर रमेश बैस ने रांची विश्वविद्यालय में हो रहे अनियमितता को लेकर तत्कालीन प्रभारी कुलपति डॉ कामिनी कुमारी को 15 दिनों के अंदर मामले को लेकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. राज्यपाल को रांची विश्वविद्यालय में चल रहे अनियमितता की जानकारी राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने दी. मामले को लेकर बैठक हुई और समीक्षा के बाद कई जगह तत्कालीन प्रभारी कुलपति डॉ कामिनी कुमारी को दोषी पाया गया. मामले की सघन जांच का निर्देश देते हुए राज्यपाल ने डॉ कामिनी कुमार को रांची विश्वविद्यालय से कोल्हान विश्वविद्यालय ट्रांसफर किया है.
क्या हुई लापरवाही
कुलपति के पद पर रहते हुए तीसरे और चौथे श्रेणी के 36 कर्मियों को नियमित कर दिया गया. साथ ही रांची महिला महाविद्यालय के प्राचार्य से अवैध तरीके से भुगतान किए गए आवास भत्ते की वसूली के लिए 6 अप्रैल को आदेश दिया गया था, लेकिन इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. ऐसे में राज्यपाल ने डॉक्टर कानूनी कुमार से इन सभी बिंदुओं पर जवाब मांगा है कि आखिर किस आधार पर 36 कर्मियों को नियमित किया गया और भत्ते की वसूली का आदेश देने के बाद भी संबंध में इसका अनुपालन क्यों नहीं किया गया. राज्यपाल रमेश बैस ने और भी कई बिंदु पर डॉक्टर कामिनी कुमार से जवाब मांगा है. बता दें कि 20 जून 2022 को नए कुलपति की नियुक्ति की अधिसूचना जारी होने के बाद डॉक्टर कामिनी कुमार ने तत्कालीन कार्रवाई कुलपति के तौर पर स्वयं हस्ताक्षर करते हुए एक एमओयू विज्ञानप्रसार संस्थान के साथ किया. आमतौर पर विश्वविद्यालय के तरफ से यह कार्य कुलसचिव द्वारा किया जाता है. इस मुद्दे पर भी डॉ कामिनी कुमार दोषी पाई गई हैं.
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