रांची(RANCHI): डॉक्टर खुद की सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है. शनिवार से 24 घंटे की हड़ताल शुरू हो गई है. डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से OPD पूरी तरह बंद है. ऐसे में मरीज अस्पताल पहुंचने के बाद भटकते दिख रहे है. जो मरीज पहले से भर्ती है उन्हे भी देखने वाला कोई नहीं है. झारखंड का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स का बुरा हाल है. हर दिन हजारों की संख्या में मरीज इलाज कराने पहुंचते है. लेकिन हड़ताल की वजह से बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है. यह हाल सिर्फ रिम्स का नहीं है. बल्कि झारखंड समेत देश के सभी अस्पताल में कुछ ऐसा ही नजारा दिख रहा है.
रिम्स के जनरल वार्ड में जब THE NEWS POST की टीम पहुंची तो मरीज रोते बिलखते दिखे. कोई बंगाल तो कोई पलामू से इलाज कराने पहुंचा था. लेकिन उन्हे जानकारी मिली की डॉक्टर हड़ताल पर है. इलाज नहीं होगा. कुछ ऐसे मरीज भी थे जो लंबे समय से रिम्स में भर्ती है. लेकिन हाल में हुई घटना के बाद डॉक्टर समय नहीं दे रहे है. खास कर जब डॉक्टर की हड़ताल शुरू हुई तो कोई भी देखने नहीं आ रहा है. एक मरीज लीवर की समस्या लेकर पहुंचा था. करीब 10 दिन से रिम्स में भर्ती है. लेकिन हड़ताल के वजह से ज़िंदगी और मौत से लड़ाई लड़ रहा है.
मरीज के परिजन ने बताया कि लीवर में पानी भर गया है. अस्पताल में भर्ती कराया गया की उनके मरीज की हालत में सुधार होगा. लेकिन कोई पानी निकालने वाला नहीं है. रोते हुए परिजन ने कहा कि अब कहाँ जाएंग. उनके पास पैसे भी नहीं बचे है. डॉक्टर देख नहीं रहे है. आखिर कैसे जान बचाए समझ में नहीं आरहा है. कुछ और आगे बढ़ने पर खून से लतपथ एक मरीज को लेकर परिजन डॉक्टर को खोजते दिखे.निजी क्लिनिक में बैंडेज कराने के बाद बेहतर इलाज के लिए रिम्स पहुंचे थे लेकिन उन्हे कोई देखने वाला मौजूद नहीं मिला.
मरीजों की समस्या का सवाल जब IMA के पदाधिकारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि जब खुद बचेंगे तभी इलाज कर पाएंगे.साथ ही उन्होंने कहा कि मरीजों की समस्या का सबसे ज्यादा तकलीफ और दर्द डॉक्टर को होता है. लेकिन अपनी जान दे कर कोई डॉक्टर इलाज कैसे करेगा. उन्होंने कहा कि मरीजों को ही देखते हुए आपातकालीन सेवा को चालू रखा गया है.उन्होंने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे है. डॉक्टर की सुरक्षा को लेकर यह महत्वपूर्ण है.
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