जमशेदपुर (JAMSHEDPUR):जमशेदपुर स्थित कोल्हान का सबसे बड़ा एमजीएम अस्पताल हमेशा अपने कारनामों से सुर्खियों में रहता है. जहां डॉक्टरों की मनमानी और वहां की व्यवस्था से मरीज परेशान रहते हैं लेकिन ताजा मामला किसी अव्यवस्था या डॉक्टर मरीज के बीच नहीं बल्कि मरीज और एक पूर्व मंत्री के बीच विवाद का है.
एमजीएम अस्पताल में डॉक्टर और पूर्व मंत्री के बीच हुई बहस
आपको बताएं कि मंगलवार को डॉक्टर और पूर्व मंत्री के बीच विवाद देखने को मिला. इमरजेंसी वार्ड से लेकर अस्पताल कैंपस में घंटों डॉक्टर और पूर्व मंत्री के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा, पूर्व मंत्री ने डॉक्टर पर बदतमीजी और मरीज को नहीं देखने का आरोप लगाया. जहां आजसू पार्टी के पूर्व मंत्री रामचंद्र अपने एक कार्यकर्ता को गंभीर हालत में एमजीएम अस्पताल लेकर आएं, जहां मंत्री जी को होमगार्डों ने कुछ बोला तो डॉक्टर ने सारी हदें पार कर दी.
पूर्व मंत्री ने लगाया डॉक्टरों पर बदतमीजी का आरोप
आपको बताएं कि पूर्व मंत्री का आरोप है कि वो अपने एक कार्यकर्ता को गंभीर हालत में लेकर एमजीएम अस्पताल आए और डॉक्टर से इलाज करने के लिए कहा, लेकिन डॉक्टर अपने चेंबर में बैठकर गेम खेलते रहे और फोन चलाते रहे और जब उनसे कहा गया तो उन्होंने बदतमीजी की और कहा कि हमसे नहीं होगा. आप ही इलाज कर लीजिए आप मंत्री जी हैं, तो यहां आपका रॉब नहीं चलेगा चुनाव पास है इसलिए आप पूर्व मंत्री से मंत्री बनना चाहते हैं जिसकी वजह से आप इतनी तत्परता दिखा रहे हैं,जिसके बाद सारा विवाद बढ़ गया.
मरीज को तड़पता छोड़ फोन चलाने में व्यस्त रहते हैं एमजीएम के डॉक्टर -पूर्व मंत्री
उस वक्त मरीज काफी गंभीर था और पूर्व मंत्री का कहना था कि ना तो कोई नर्स देखने आई ना तो डॉक्टर आया. तब पूर्व मंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जिस शहर के स्वास्थ्य मंत्री आते हैं उस अस्पताल का यह स्थिति है कि आए दिन गरीब परिवार के मरीज तड़प कर मर जाते हैं या प्राइवेट अस्पताल में जाने को मजबूर हो जाते हैं. यहां कोई देखने वाला नहीं है. यह काफी दुर्भाग्य की बात है. अगर इस मामले पर कोई कार्यवाही नहीं होती है, तो अब आजसू पार्टी एमजीएम अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगा
घंटों चला हाई वोल्टेज ड्रामा
हालांकि पूर्व मंत्री के एमजीएम अस्पताल पहुंचते ही कई मरीज अपनी समस्या लेकर मंत्री के पास पहुंचे उन्होंने कहा कि मरीज को कोई देखने नहीं आता और डॉक्टर से बोलने पर डॉक्टर चिल्लाने लगते है. वहीं पूर्व मंत्री ने गंभीर कार्यकर्ता को आनन-फानन में टीएमएच अस्पताल भेजा. तो वहीं दूसरी तरफ उसी अस्पताल परिसर में सड़क हादसे में घायल एक युवती घंटो एमजीएम अस्पताल में तड़पती रही,लेकिन उसे कोई देखने नहीं आया, ना ही उसे स्टेचर मिला. उसके भाई ने आनन फानन में अपनी बहन को थक हार कर प्राइवेट अस्पताल ले गया. इसे देख पूर्व मंत्री अक्रोशित हो गए और अस्पताल कैंपस में जमकर हंगामा किया. और कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के शहर में अस्पताल का इतना बुरा हाल है तो सोचिए अन्य जिलों में अस्पताल का क्या हाल होगा.
मंत्री के विरोध में इमरजेंसी के डॉक्टर भी मैदान में उतरे
घंटों एमजीएम अस्पताल के इमरजेंसी से लेकर कैंपस में हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा, जब मंत्री जी आग बबूला हो गए, तो इमरजेंसी के सभी डॉक्टर काम छोड़ बाहर निकले और कहा कि मंत्री जी हमें अपना काम सिखा रहे हैं, अपना काम तो ठीक ढंग से होता नहीं, दूसरों को काम सिखाने आए हैं. अस्पताल पर सभी आरोप गलत है. हम लोगों ने मरीज को देखा था. मामला बिगड़ता देख एमजीएम अस्पताल के उप अधीक्षक पहुंचे. जिसके बाद उन्होंने पूर्व मंत्री से पूरे मामले की जानकारी ली.पूर्व मंत्री ने कहा कि जब पूर्व मंत्री से यह व्यवहार किया जा रहा है, तो आम लोगों से क्या होता होगा वो आप भी समझ रहे होंगे. पूर्व मंत्री ने अधीक्षक से ऐसे लापरवाह डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. अगर कार्रवाई नहीं होगी, तो आजसू पार्टी इसको लेकर आंदोलन भी करेगी. हालांकि अधीक्षक ने पूर्व मंत्री को समझाया और जांच कर दोषी पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
रिपोर्ट रंजीत ओझा
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